
सहरसा जिले के सोनवर्षा प्रखंड में महादलित टोले में रहने वाले लोग जो कूड़ा कचड़ा उठा कर अपना जीवन बसर करते हैं
इस महामारी में लॉकडाउन के दौरान अक्सर भूखे पेट रहने को मजबूर हैं. इस टोले में रहने वाली महिलाओं ने हमारे सम्वाददाता मिथिलेश कुमार से अपनी आपबीती साझा की. उन्होंने बताया कि किस तरह से उनके नौनिहालों को दो वक्त की रोटी भी नहीं नसीब हो रही है.
सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र के कढ़ैया पंचायत के वार्ड नंबर दो के लाभुक तीन किलोमीटर दूर जाते है जनवितरण प्रणाली दुकान से अनाज लेने के लिए जबकि बगल में ही पचास गज की दूरी पर जनवितरण प्रणाली का दुकान है
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सोनवर्षा के कूड़ा उठाने वालों का दर्द इस लॉकडाउन में : भूखे प्यासे रह रहे हैं बच्चे@RabriDeviRJD @NitishKumar @pappuyadavjapl @saharsa_india #saharsa— Seemanchal Live | सीमांचल लाइव (@seemanchallive) May 12, 2020
इन लोगो का कहना है की हमलोग को भर दिन लग जाता है अनाज लाने में सौ रुपए का अनाज लाने में तीन सौ रुपए का मजदूरी छूट जाता है हम लोग को पता ही नहीं है की ये समस्या कहां से दूर होगा बगल वाले डीलर से पूछते है तो वे कुछ भी बताने से इनकार करते है वहीं कुछ व्यक्ति का कहना है दो चार व्यक्ति का जगह बदल वाए थे फिर उसका नाम वहीं चला जाता है
रिपोर्ट मिथिलेश कुमार