तीन वर्षों से सड़क बनने आस लगाए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.
सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए सोमवार को मालोपाड़ा पंचायत के डुमरिया गांव के हजारों ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन में अधिकांश महिलाएं शामिल थी जिन्होंने सरकार द्वारा तीन वर्षों से गांव में सड़क बनाने का झूठा दिलासा देने का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद वार्ड संघ अध्यक्ष मो आफाक आलम ने बताया बैसा प्रखंड के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से एक डुमरिया गांव है जो कनकई नदी के तट पर बसा है। सात सौ से अधिक परिवार वाले इस गाव में प्रतिवर्ष ग्रामीणों को बाढ़ के साथ-साथ नदी कटाव की दोहरी मार झेलनी पड़ती है।साल 2016 में जब क्षेत्र में बाढ़ आयी थी तो तत्कालीन डीएम ने इस गांव का दौरा किया था और ग्रामीणो की स्थिति को देखकर तत्काल विभाग को इस गांव में सड़क निर्माण का निर्देश भी दिया गया था। जिसके आलोक में विभाग के अधिकारी व कर्मियों द्वारा स्थल पर पहुंचकर मापी का कार्य भी किया गया। पर तीन साल बीत चुके हैं अभी तक सड़क बनना तो दूर की बात इसका शिलान्यास भी नहीं किया गया।
इस सड़क के नहीं बनने के कारण ग्रामीणो को काफी परेशानी उठानी पर रही है। खासकर स्कूली बच्चों को बरसात के महीने में बहुत परेशानी होती है। स्कूल जाने की इच्छा के वावजूद भी सड़क नहीं रहने के कारण उनके अभिभावक उन्हें स्कूल भेजना बेहतर नहीं समझते है। इस संबंध में विभागीय जेई अनिल कुमार ने बताया कि डुमरिया गांव को जोड़ने वाली पीडब्लूडी श्रीप्रसाद के घर से पूर्व पक्की डुमरिया टोला सड़क जो लगभग एक किलोमीटर लंबी है, इसका विभाग द्वारा पहले सर्वे किया गया फिर डीपीआर तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार की स्वीकृति मिलेगी क्षेत्र के अन्य गांव की तरह इस गाव में भी सड़क बनेगी।
स्रोत-हिन्दुस्तान