जीएमसीएच में बहाल हुई ओपीडी सेवा, काम पर लौटे चिकित्सक, बढ़ी मरीजों की भीड़
पूर्णिया. जिले के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में पिछले पांच दिनों से बाधित ओपीडी सेवा सोमवार से बहाल हो गयी. सभी विभागों में डॉक्टर्स, मेडिकल ऑफिसर, सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स नियत समय से मरीजों के इलाज में लग गये. हालांकि विगत कई दिनों से बाधित रही यहां की चिकित्सा सुविधा एवं सोमवार को रक्षाबंधन पर्व के चलते मरीजों की संख्या आम दिनों की तुलना में बेहद ही कम रही जिस वजह से कुछ समय तक कई विभागों में सन्नाटा पसरा रहा. गायनी, जेनरल, स्किन, हड्डी, कैंसर, चिल्ड्रेन आदि विभागों में दिनभर दो चार मरीजों का आना जाना जारी रहा.
अन्य दिनों की भांति टीकाकरण केंद्र पर महिलाओं और नवजात की अच्छी भीड़ रही. वहीं विभिन्न प्रकार की जांच एवं मेडिसीन के लिए भी विभिन्न काउंटरों पर मरीज आते जाते रहे. जीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. भरत कुमार ने बताया कि ओपीडी सेवा के तहत सभी विभागों में चिकित्सक मौजूद हैं यह सेवा निरंतर जारी रहेगी. अब आनेवाले मरीजों को परेशानी नहीं होगी उनका पहले की तरह ही उपचार उपलब्ध होगा. अगर जीएमसीएच में प्रति दिन इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या का अनुमान लगाया जाए तो प्रत्येक दिन लगभग 12 सौ से 14 सौ की संख्या में मरीज पहुंचते हैं जिनमें पूरे प्रमंडल सहित करीब सात से आठ जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं पड़ोसी मुल्क नेपाल से भी मरीज शामिल होते हैं.
जबकि ओपीडी की सेवा पुनः बहाल होने के बाद सोमवार को लगभग साढ़े छह सौ से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे. बताते चलें कि कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर हत्याकांड के मामले में पूरे देश में चिकित्सकों द्वारा मामले की जांच एवं दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने एवं चिकित्सकों की सुरक्षा क़ानून बनाने की मांग को लेकर धरना, प्रदर्शन, रैलियां तथा हड़ताल का आयोजन किया जा रहा था. इसी क्रम में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भी चिकित्सकों के साथ साथ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवा से खुद को अलग करते हुए विभागों में कार्य बंद रखा था जिस वजह से इलाज के लिए जीएमसीएच पहुंचे मरीजों को लगातार बगैर डॉक्टर से दिखाए वापस लौटना पड रहा था.
एक तरह से पिछले 14 अगस्त से ही चिकित्सों द्वारा ओपीडी सेवा से खुद को अलग रखने का यह क्रम लगातार जारी था जिस वजह से यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर पड रहा था. लेकिन अब एक बार फिर चिकित्सकों के काम पर लौटने से ओपीडी की सेवा बहाल हो गयी है जिससे सभी ने राहत की सांस ली है.