नये कानून के लागू हो जाने से अब आम नागरिकों को इंसाफ मिलने में देरी नहीं होगी : डीआइजी
पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआइजी विकास कुमार ने कहा है कि नये कानून के लागू हो जाने से अब आम नागरिकों को इंसाफ मिलने में देरी नहीं होगी. गिरफ्तारी, तलाशी, जब्ती और जांच में पुलिस की जवाबदेही बढ़ाने के लिए 20 से अधिक धारायें शामिल की गयी है. उन्होंने कहा कि आइपीसी में दुष्कर्म की धारा 375 और 376 अब बदल गयी है. इसकी जगह अब नये कानून में दुष्कर्म की धारा 63 होगी, जबकि गैंगरेप की धारा 70 हो जायेगी. हत्या के लिए अब धारा 302 की जगह धारा 101 लागू होगी. भारतीय न्याय संहिता में 21 नये अपराधों को जोड़ा गया है, इसमें मॉब लिंचिंग भी शामिल है.
उन्होंने बताया कि कुल 41 तरह के अपराध की सजा को पहले से बढ़ा दी गयी है, जबकि 82 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गयी है. नये कानून के अनुसार, आपराधिक मामलों की सुनवाई खत्म होने के बाद 45 दिनों के भीतर फैसला आयेगा. पहली सुनवाई के दो महीने के भीतर आरोप तय किये जायेंगे. राज्यों की सरकार को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग के लिए गवाह सुरक्षा योजनाएं लागू करना होगा. नये कानून के मुताबिक, अब महिला पुलिस दुष्कर्म पीड़िता का बयान उनके अभिभावकों की मौजूदगी में दर्ज करेगी. सात दिन के भीतर मेडिकल रिपोर्ट पूरी होनी चाहिए.
इस मौके पर सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने कहा कि महिला और बच्चों के खिलाफ अपराधों को लेकर कानून में एक नया अध्याय जोड़ा गया है. इस कानून में बच्चे को खरीदना या बेचना जघन्य अपराध होगा, इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. नये कानून के तहत नाबालिग के साथ गैंगरेप के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. लड़कियों या महिलाओं को शादी का झूठा वादा करके गुमराह करने के मामलों में भी सजा का प्रावधान किया गया है.महिलाओं के खिलाफ अपराध के पीड़ितों को 90 दिनों के अंदर अपने मामलों पर जानकारी हासिल करने का अधिकार होगा. महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में सभी अस्पतालों को मुफ्त इलाज करना जरूरी होगा. आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, इकबालिया बयान और अन्य दस्तावेजों की प्रति प्राप्त करने का अधिकार है.
इस मौके पर सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार लाल समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे.
महिलाओं व बच्चों के खिलाफ हिंसा पर बनी सख्त कानून : महापौर
पूर्णिया. पहली जुलाई से लागू हो रहे तीन नये आपराधिक कानून की जानकारी देने के उद्देश्य से सोमवार को महिला थाना में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर विभा कुमारी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि देश में आज से आधुनिक न्याय प्रणाली की शुरुआत हो रही है. अब तक हम सब अंग्रेज के जमाने मे बने कानून के अनुसार चल रहे थे लेकिन बदली हुई परिस्थिति में कानून में सुधार की जरूरत महसूस हो रही थी जिसे आज से लागू किया जा रहा है.
महापौर ने कहा कि नये कानून में मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर यहां विशेष व्यवस्था की गयी है. महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध की जांच दो माह में पूरी होगी. दूसरी जो महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि अब जीरो एफआईआर हो सकेगा. इसका मतलब है कि आपके साथ कोई घटना होती है तो एफआइआर घटना क्षेत्र के बाहर के थाना में भी दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी देश के संविधान से बंधे हुए हैं। हमे नियम-कानून के विपरीत आचरण करने से बचना चाहिए.
वहीं पुलिस अधिकारियों से भी कहना चाहूंगी कि आप भी ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह करें, पीड़ितों को न्याय दें क्योंकि आप भी इसी समाज के अंग हैं. मौके पर मुख्य रूप से अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय आलोक रंजन, एसडीपीओ साइबर थाना अनुराग कुमार, डीएसपी (रक्षित) कृष्ण कुमार, महिला थानाध्यक्ष ललिता कुमारी, एससीएसटी थानाध्यक्ष उमेश पासवान, उप महापौर पल्लवी गुप्ता सहित कई पुलिस अधिकारी व गण्यमान्य मौजूद थे.