लिफ्ट मांगने पर चली गई जान, चालक ने पिता को रौंदा, चिल्लाता रह गया बेटा
पूर्णिया से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी तो उसे कुचल दिया गया.
पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के मीरगंज थाना क्षेत्र के दमेली गांव में क्रूरता की हद पार करते हुए ट्रैक्टर से कुचलकर एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि जमीनी विवाद में इस घटना को अंजाम दिया गया. मृतक की पहचान विनोद सिंह के रूप में हुई है. वहीं आरोपी सुभाष यादव के ट्रैक्टर को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है, जबकि आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गया है.
पूर्णिया में लिफ्ट मांगने के विवाद में हत्या: घटना की जानकारी देते हुए मृतक के बेटे रोशन ने बताया कि वह अपने पिताजी के साथ खेत से घर की ओर लौट रहा था. रास्ते में गांव के सुभाष यादव ट्रैक्टर से गांव की ओर आ रहा था. विनोद ने सुभाष की गाड़ी को हाथ देकर रोका और गांव ले जाने की बात कही. सुभाष ने ट्रैक्टर पर बैठाने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद दोनों में कहासुनी शुरू हो गई.
“सुभाष ने कहा कि ट्रैक्टर के आगे से हट जाए, नहीं तो वह ट्रैक्टर पापा के ऊपर चढ़ाते हुए चला जाएगा. जब तक पाप ट्रैक्टर के सामने से हटते तबतक सुभाष ने उन्हें कुचल दिया. पापा को कुचलते हुए सुभाष भागने लगा.”- रौशन कुमार, मृतक का बेटा
ट्रैक्टर चालक ने पिता को कुचला, मौके पर मौत: जब रोशन ने हल्ला किया तो सुभाष ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया. विनोद ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि विनोद और सुभाष में पुरानी जमीनी विवाद चल रहा था. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जहां से ट्रैक्टर को अपने कब्जे में लिया. वहीं विनोद के शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज पूर्णिया भेज दिया गया है.
“परिजनों के द्वारा सुभाष यादव पर विनोद यादव के हत्या का आरोप लगाते हुए मामला को दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने घटनास्थल पर से ट्रैक्टर को अपने कब्जे में ले लिया है. सुभाष यादव गांव छोड़कर फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. जल्द ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी.”- राजीव कुमार, मीरगंज थाना प्रभारी
“हमें बड़ा बाबू ने कहा कि घटना का पता लगाइये. पता चला कि ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या की गई है. परिजनों का ये आरोप है. बड़ा बाबू और छोटा बाबू को हमने सूचना दी तो दोनों मौके पर पहुंचे.”- पंकज पासवान, सिपाही