गोपाष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया.
जलालगढ़ ग्रामीणों की सहभागिता के साथ गोपाष्टमी त्यौहार प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ओमप्रकाश मांडीवालों के परिसर में मनाया गया। गोवर्धन पूजा के कुछ दिनों बाद गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। गोपाष्टमी पर्व बृजवासी एवं वैष्णव वासियों के लिए विशेष महत्व रखता है। गोपाष्टमी पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। कृष्ण के विभिन्न मंदिरों में भोग लगता है। पुराने कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोचरण लीला का प्रारंभ किया था। गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण बृज वासियों इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाई थी। इस दिन गाय को स्नान कराकर रंग-बिरंगे वस्त्रों से सजाया जाता है। उसके बाद फूल, चंदन, हल्दी, अक्षत, अगरबत्ती, रोली, मूली आदि सामग्री से पूजा की जाती है तथा भोग लगाया जाता है। गाय को हरे घास में गुड़ मिलाकर खिलाया जाता है। इस अवसर पर सतीश मांडीवाल, रमेश यादव, रामानंद यादव, कामेश्वर जमादार, शिवानंद कुमार, पूजा मंडीवाल, मधु मांदीवाल, मीरा मंडीवाल, रेखा मंडीवाल, बविता, हनी मांगीलाल, अन्नपूर्णा देवी, लोकेश मंडीवाल, पप्पू मांडीवाल, विष्णु मांडीवाल, मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार मांडीवाल, श्वेता मांडीवाल, निशा आदि ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।