3 बच्चे जिंदा जले, मां के भी चिथड़े उड़े; पूर्णिया में खाना बनाते समय हुआ धमाका और मचा हड़कंप
पूर्णिया में एक घर में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ, जिसके बाद लगी भीषण आग में जिंदा जलकर महिला और उसके 3 बच्चे मर गए। वहीं पत्नी और 3 बच्चों के शव देखकर पति बेहोश हो गया। रिश्तेदारों में भी चीख पुकार मच गई।
महिला खाना बना ही थी, अचानक जोरदार धमाका हुआ और भीषण आग लग गई, जिसमें जिंदा जलकर महिला और उसके 3 बच्चे मारे गए। हादसा बिहार के पूर्णिया में सिलेंडर ब्लास्ट से हुआ। आग में परिवार के 6 सदस्य बुरी तरह झुलसे।
4 की मौत हो चुकी और 2 बुरी तरह झुलसे हुए हैं, जिन्हें GMCH पूर्णिया में भर्ती कराया गया है। पुलिस हादसे की जांच में जुटी है, लेकिन धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास के घर भी हिल गए। धमाके की आवाजा सुनकर लोगों के दिल भी दहल गए। जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं।
पत्नी-बच्चों के शव देखकर बेहोश हुआ शख्स
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, हादसा किशनगंज के पौआखाली गांव हुआ। घायलों में मृतक महिला और भाई-बहन शामिल हैं। दोनों घायलों को पहले किशनगंज के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें GMCH पूर्णिया रेफर कर दिया गया।
वहीं मरने वाली महिला और उसके बच्चों की शिनाख्त मोहम्मद अंसारी की 30 वर्षीय पत्नी साहिबा, 8 वर्षीय बेटी अनीशा, 4 वर्षी बेटी आरुषि और 5 वर्षीय बेटे अनीश के रूप में हुई है। मोहम्मद अंसारी मेरठ में काम करता है, जो हादसे की सूचना मिलते ही तुरंत अपने घर पहुंचा, लेकिन पत्नी और 3 बच्चों की लाशें देखकर बेहोश हो गया।
2 से 3 घंटे लगे आग बुझाने में
पुलिस के अनुसार, घर में सिलेंडर में धमाका होने की खबर फैलते ही लोग मौके पर जुटे। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही लोगों ने बचाव अभियान शुरू कर दिया था। दमकल कर्मियों ने हादसास्थल पर पहुंचते ही आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि उसे बुझाने में 2 से 3 घंटे लग गए। आग बुझाने के बाद शवों को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
पड़ोसियों ने मृतकों की शिनाख्त की। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। वहीं घायलों ने बताया कि साहिबा खाना बना रही थी, अचानक गैस की दुर्गंध आई और सिलेंडर फट गया। किचन में आग लग गई थी, जिसकी लपटों ने कमरों को भी चपेट में ले लिया था, इससे पहले कि वे घर से बाहर निकल पाते, बच्चे चिल्लाने लगे। उन्हें बचाने की कोशिश में बाकी लोग भी झुलस गए। साहिबा और बच्चाें ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।