चिकित्सकों ने यूरोलॉजी के अलग-अलग केसों किया ऑपरेशन
बिहार यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में मां पंचा देवी हॉस्पिटल लाइन बाजार के प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय यूरोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस संपन्न हो गया। कॉन्फ्रेंस के दूसरे और अंतिम दिन बाहर से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने यूरोलॉजी से संबंधित अलग-अलग केस का ऑपरेशन किए। यूरोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन डॉ. मुरली मनोहर का पीसीएनएल, मो. अल्तमास का कोरोनल हायपोसपीडिया, नारायण चौहान का टीयूआरपी, मो. फैज का ओआईयू तथा कौशल कुमार की लेप नेफरोलिथोटोमी सर्जरी मुम्बई से आए विशेषज्ञ डॉ. नन्दकिशोर माहेश्वरी, डॉ. विकास, डॉ. शादाब, डॉ. राजीव, डॉ. महेन्द्र सिंह आदि ने किया। इनमें से कुछ ऐसे भी मरीज थे जिसे पटना के बड़े- बड़े अस्पतालों ने भी आगे रेफर कर दिया था। इसके अलावा डॉ. राजेश रंजन ने यूरोलॉजी के क्षेत्र में लेप्रोस्कोपी की उपयोगिता पर व्याख्यान दिए। डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने बीपीएच में मेडिकल थैरेपी की सफलता असफलता के कारणों पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अगले चरण में यूरोलॉजी में पीसीएनएल तथा आरआईआरएस में कौन सी विधि ज्यादा उपयुक्त है। इस विषय पर चर्चा किया गया। इसमें डॉ. श्याम बाबु प्रसाद ने पीसीएनएल तथा डॉ. सुदीश कुमार ने आरआईआरएस के पक्ष को प्रस्तुत किया। कॉन्फ्रेंस के पंचम सत्र में यूरेथरल स्ट्रीक्चर के प्रबंधन पर प्रबंधन पैन डिस्कशन आयोजित हुआ। इसमें डॉ. आरपी सिंह, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. विजय कुमार तथा डॉ. रोहित उपाध्याय ने विचार रखे। डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. पीके बजाज, डॉ. रणवीर प्रसाद सिंह, डॉ. रतन कुमार, डॉ. पीके सिन्हा, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. सुदीश कुमार, डॉ. संतोष शाही तथा डॉ. अभय गुरमैता ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में बिहार यूरोलॉजिकल सोसायटी की साधारण सभा का आयोजन किया गया। इसमें विगत समय में हुए विभिन्न कार्यों की जानकारी सदन में रखी गई। सोसायटी की सदस्यता में वृद्धि और ज्ञानमूलक कॉन्फ्रेंस के निंरतर आयोजन प्लानिंग पर विचार सहमति हुई। बुसिकोन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. एके गुप्ता, आयोजन सचिव डॉ.शैलेश कुमार सिंह ने आगन्तुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया। प्रतिभागियों ने उच्च स्तरीय लाइव सेशन के आयोजन के लिए आयोजक के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इसके पूर्व शनिवार रात को चिकित्सकों ने म्यूजिकल नाइट में कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम का आनन्द उठाया।
स्रोत-हिन्दुस्तान