युवाओं की सोच को समझकर आयेगा बदलाव
बीएनएमयू के मनोविज्ञान विभाग में रविवार को युवा और मनोविज्ञान विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने युवाओं के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित करते हुए उसके मनोविज्ञान पर प्रकाश डाला। पटना विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. इफ्तेखार हुसैन और कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्य एवं इंडियन एकेडमी ऑफ साइकोलॉजी के अध्यक्ष प्रो. तारिणी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने की। संचालन डॉ. शंकर कुमार मिश्रा ने किया।
व्याख्यान में प्रो. हुसैन ने कहा के आज का समाज युवा के सहारे हैं। युवाओं में दिन-ब-दिन बढ़ती आपराधिक प्रवृत्तियों को दूर करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नए समाज एवं स्वस्थ समाज की संरचना करने के लिए युवाओं के व्यवहारों को समझना होगा। इसमें मनोविज्ञान की अहम भूमिका होती है। प्रो. तारिणी ने कहा मनोविज्ञान के छात्रों के लिए मानव के व्यवहारों को समझना आवश्यक है। मनोविज्ञान के छात्र अपने शोध के द्वारा युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकते हैं कि वह अपने व्यवहारों में मनोवैज्ञानिक विकार न आने दें।
मनोवैज्ञानिक विकार का निदान केवल मनोविज्ञान के द्वारा ही संभव है। डॉ. आनंद कुमार सिंह ने युवाओं को मोबाइल से दूर रहने की सलाह दी। डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने युवाओं को मानसिक रूप से सतर्क रहने पर एवं समाज उपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित किया।विभागाध्यक्ष कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि नकारात्मक सोच को समाप्त करने पर जोड़ देना चाहिए। युवाओं को अपना भविष्य बेहतर बनाने के लिए मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपने जीवन में बदलाव लाना होगा। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आनंद कुमार सिंह ने किया। मौकेे पर बड़ी संंख्या में शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।
स्रोत-हिन्दुस्तान