पैना से भवनपुरा जाने वाली सड़क जर्जर
चौसा के दर्जनों गांव आज तक मुख्य सड़क के संपर्क में नहीं है। पैना से भवनपुरा जाने वाली मुख्य सड़क की हालत भी ऐसी ही है।राज्य सरकार भले ही डेढ़ सौ की आबादी वाले गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की घोषणा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हजारों की आबादी वाले आज भी दर्जनों ऐसे गांव हैं जिसे आज तक मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है।
पैना गांव की आबादी लगभग पन्द्रह हजार है। इस इलाके के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए वर्षों पुरानी पगडंडी वाली जर्जर सड़क का ही सहारा लेना पड़ रहा है। पैना पंचायत की मुखिया बीबी इसरत खातून, पूर्व मुखिया मो. शाहजहां, सरपंच बीबी सोना खातून, पंसस बीबी कैसर खातून, मो. इजहार आलम, मो. आजाद आलम, मो. शमीम अख्तर, मो. मुराद ने कहा कि गांव से प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग सात किलोमीटर है।
इस सात किलोमीटर का सफर करने में घंटों समय बीत जाता है। प्रत्येक दिन ब्लॉक, थाना, अंचल, राजस्व कचहरी सहित विभिन्न कार्यों से प्रखंड मुख्यालय जाने की लोगों को विवशता रहती है। ग्रामीण मो. तबरेज, मो.अनवारूल, सच्चितानंद चौधरी, मो. शमसाद, मौलाना मुबारक, मो. जूबैर, मो. सुभान, मो. कलीम, मो. सैफूला, मो. परवेज, मो. रिंकू, मो. तसाम, मो. ताजउद्दीन ने कहा कि गांव से चौसा जाने के लिए मेन रोड से आवाजाही की वैकल्पिक व्यवस्था है, लेकिन पैना गोठ बस्ती से चिरौरी तक सड़क की हालत अत्यंत दयनीय और जर्जर हो चुकी है। इस रास्ते आवागमन में लंबी दूरी भी तय करनी पड़ती है।
वर्तमान में सड़क की हालत यह है कि सवारी गाड़ी से आवाजाही करने की बात तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव से निकलने वाले दोनों रास्ते जर्जर और बदहाल स्थिति में है। चिरौरी होकर प्रखंड मुख्यालय जाने वाली रोड गड्ढे में तब्दील हो चुकी है वहीं भवनपुरा होकर जाने वाली सड़क वर्षों से पगडंडी बनी है। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क की बेहतर सुविधा नहीं रहने से बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में काफी मुश्किलों का सामान करना पड़ता है। बीडीओ रीना कुमारी ने कहा कि पैना से भवनपुरा टोला जाने वाली सड़क में स्थल जांच की जाएगी। इसके बाद सड़क निर्माण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा जायेगा।
स्रोत-हिन्दुस्तान