
थोड़ी देर बाद ही ओपीडी से निकल जाते हैं डॉक्टर
सदर अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति किए जाने के बावजूद मरीजों की परेशानी दूर होती नहीं दिख रही है। हालांकि सदर अस्पताल की ओपीडी को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए करीब तीन दर्जन डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर जारी कर दिया गया। इसके बावजूद गुरुवार को ओपीडी में इलाज कराने के लिए मरीजों की भीड़ लगी रही। डीएस खुद नेत्र विभाग में बैठ कर मरीजों का इलाज करते नजर आए।
मालूम हो कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के 67 डॉक्टर प्रतिनियुक्त किए गए हैं। लेकिन उनमें से 35 डॉक्टरों ने ही सदर अस्पताल में योगदान दिया है। आधे डॉक्टरों ने प्रतिनियुक्ति के बावजूद सदर अस्पताल में योगदान नहीं दिया है। योगदान करने वाले 35 डॉक्टरों का ड्यूटी चार्ट बना दिया गया है। इसके बावजूद ओपीडी में मरीजों को इलाज कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
ओपीडी में गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे बच्चा वार्ड में मात्र एक डॉक्टर डॉ. डीपी गुप्ता इलाज करते नजर आए। बरामदा पर महिलाएं छोटे- छोटे बच्चे को लेकर अपनी बारी आने का इंतजार करती नजर आयीं। राजपुर की अमीर खातून, पटोरी की शैल देवी ने बताया कि वे लोग बहुत देर तक पुर्जा काउंटर पर लाइन में लगी रहीं। अब डॉक्टर के पास काफी देर से लाइन में लगी हंै। साहूगढ़ की निभा देवी ने बताया कि वह भी काफी देर से लाइन में हैं। उसे भी अपनी पुत्री का इलाज कराना था। डॉक्टरों की कमी का हाल यह रहा कि नेत्र विभाग में डीएस सुमन झा स्वयं मरीजों के बीच घिरे रहे। उन्होंने ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज किया।
मेडिकल कॉलेज से प्रतिनियुक्त किए गए डॉक्टरों का रोस्टर जारी कर दिया गया है। सभी डॉक्टरों को पूरी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया गया है।
स्रोत-हिन्दुस्तान