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जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए संचालित हो रहा विशेष अभियान

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जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए संचालित हो रहा विशेष अभियान

जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए संचालित हो रहा विशेष अभियान

मधेपुरा जिले में संभावित कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. रोगी खोज अभियान 19 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान जिले के सभी नौ प्रखंडों में आशा, सेविका, स्वैच्छिक महिला व पुरुष कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोगियों को चिह्नित करेंगे. उन्हें जरूरी जांच व इलाज के लिए प्रेरित किया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं.

 

अभियान के दौरान संबंधित आशा व सेविका अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर लोगों का शारीरिक परीक्षण करेंगी. शरीर में उभर रहे किसी तरह के दाग धब्बों की जांच की जायेगी. इसमें कुष्ठ का लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का इलाज कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि जिले में कुष्ठ रोगियों के समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है. रोग की जांच से लेकर जरूरी दवाएं रोगियों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है. देर से चलता है रोग का पता डीआइओ डाॅ बिपिन गुप्ता ने बताया कि कुष्ठ के मामले में रोगियों को रोग का पता देर से चलता है. इससे इलाज संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती है. इसलिये रोग के कारण व लक्षणों के प्रति ज्यादा सतर्क व सावधान होने की जरूरत है. शरीर के किसी भाग में किसी तरह का दाग व सुन्नपन रहने पर तुरंत इसकी जांच करानी चाहिये, ताकि समय रहते रोग का पता लगाया जा सके. संक्रमण से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्तर पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.

 

अपने आसपास के परिवेश के साथ इस्तेमाल में आने वाले कपड़े व चादर सहित दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों को नियमित रूप से सफाई व इसे धूप में अच्छी तरह से सुखाकर उपयोग में लाना रोग से बचाव के लिए जरूरी है. शरीर में दाग-धब्बा व सुन्न होना कुष्ठ के लक्षण सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ केके दास ने बताया कि शरीर के किसी अंग में उभर रहे दाग-धब्बे व उसमें सूनापन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. यदि शुरुआती दौर में इस तरह के लक्षण को नजरअंदाज किया जाय़, तो बाद में घातक हो सकता है.

 

त्वचा क्षति, मांसपेशियों की कमजोरी, हाथ व पैर का सुन्न होना आदि कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं. ये रोग मुख्यत: लोगों के त्वचा व नसों को प्रभावित करता है. संक्रमित व्यक्ति में त्वचा विकृत हो जाती है. रोगी के त्वचा पर कई गांठ, घाव व बंप्स उभर आते हैं. कुष्ठ रोगियों के नि:शुल्क इलाज की है सुविधा सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि कुष्ठ रोग एक साधारण बीमारी है, जो किसी को भी हो सकता है. जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इसके निःशुल्क इलाज का इंतजाम है. इस बीमारी की समय से पहचान होने पर 6 से 12 महीने तक लगातार दवा सेवन से ये पूर्णत: ठीक हो सकता है. इसमें किसी तरह की लापरवाही का बुरा परिणाम हो सकता है. उन्होंने आमलोगों से रोगी खोज अभियान की सफलता में अपना सक्रिय सहयोग देने की अपील की है.

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