अस्पताल प्रबंधन का ढीला रवैया मरीजों पर पड़ रहा भारी
सदर अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टरों की तैनाती होने के बावजूद मरीजों को कोई खास लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। इलाज कराने के लिए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी वार्ड में बुधवार को मरीजों की भीड़ लगी रही। ओपीडी के जेनरल वार्ड में मात्र दो डॉक्टर रहने के कारण मरीजों की भीड़ लगी रही। दो डॉक्टर ओपीडी में मात्र एक घंटा रहने के बाद बाहर निकल गए।
सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा सख्ती नहीं बरते जाने के कारण मरीज परेशानियों से जूझने को मजबूर हैं। सदर अस्पताल के जेनरल वार्ड में मरीजों की ज्यादा भीड़ देखते हुए पांच डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी। उम्मीद थी कि पांच डॉक्टरों के रहने से मरीजों के लिए इलाज कराना आसान हो जाएगा। लेकिन नया ड्यूटी चार्ट लगाए गए करीब एक पखवाड़ा बीत गया लेकिन फुल स्ट्रेंथ के साथ ओपीडी चलता हुआ दिखायी नहीं दिया।
पिछले दिनों एसडीएम वृंदालाल के निरीक्षण के दौरान भी कई डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए थे। सीएस और डीएस की ओर से भी कई बार कहा गया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जमीनी स्तर पर उनके निर्देशों का कोई असर होता दिखायी नहीं दे रहा है। ओपीडी में डॉक्टरों की लेटलतीफी बदस्तूर जारी है। मानिकपुर के संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें इलाज कराने के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। साहूगढ़ निवासी मो. नौसाद ने कहा कि सदर अस्पताल में इलाज कराना मुश्किल हो गया है। प्रभारी डीएस डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि जो डॉक्टर नहीं आते हैं उसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को दी जाएगी।
Source- Hindustan