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मधेपुरा में इलाज की जगह तंत्र-मंत्र पर भरोसा कर रहे लोग, डॉक्टरों ने लगाई जमकर फटकार

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मधेपुरा में इलाज की जगह तंत्र-मंत्र पर भरोसा कर रहे लोग, डॉक्टरों ने लगाई जमकर फटकार

डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का लगातार दावा करते हैं, लेकिन उनके इस दावे की पोल मधेपुरा के सरकारी अस्पताल ने खोल दी है.

 

Bihar Health System: बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है. वहीं 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीति पार्टियां वोटर्स को लुभाने में जुटी हुई है. इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का दावा करते हैं, लेकिन उनके इस दावे की पोल मधेपुरा के सरकारी अस्पताल ने खोल दी है. बता दें कि मधेपुरा सदर अस्पताल से जो तस्वीर सामने आई है उसे देखकर ऐसा लग रहा है मानो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से लोगों का भरोसा उठ गया है और लोग अब तंत्र-मंत्र के भरोसे अपनी जिंदगी जी रहे हैं. साथ ही मधेपुरा के सदर अस्पताल के डॉक्टर को शायद सक्षम नहीं हैं, इसलिए लोग तांत्रिकों से अपना इलाज करा रहे हैं.

आपको बता दें कि यह पूरा मामला मधेपुरा के सदर अस्पताल का है जहां एक तांत्रिक द्वारा झाड़-फूंक और तंत्र मंत्र करने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है. वहीं देवन ठाकुर नाम के बुजुर्ग पहले से ही इलाज के लिए अस्पताल के बेड पर भर्ती हैं. उसकी तबीयत में सुधार नहीं होता देख उसके परिवार ने तांत्रिक को बुलाया और तांत्रिक ने अस्पताल में ही मरीज पर झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया और जब इसकी भनक अस्पताल के डॉक्टरों को लगी तो वे हरकत में आये और तांत्रिक के साथ-साथ मरीज के परिजनों को भी जमकर फटकार लगायी.

वहीं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर जब मरीज का हाल जानने के लिए वार्ड में पहुंचे तो उन्होंने तांत्रिक को मरीज पर झाड़-फूंक करते देखा, जिसके बाद डॉक्टर भड़क गए और उन्होंने मरीज और उसके परिजनों को जमकर फटकार लगाई, लेकिन इसके बावजूद भी परिजन समझने को तैयार नहीं हुए तो उन्हें समझा-बुझाकर तांत्रिक को अस्पताल से बाहर निकाला गया. फिलहाल अभी भी मरीज का इलाज सदर अस्पताल मधेपुरा में चल रहा है.

थ ही आपको बता दें कि इसे अंध विश्वास कहें या अस्पताल में व्यवस्था की कमी, लेकिन अस्पताल में सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठना स्वाभाविक है. वहीं इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि, ”सरकारी व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण यहां मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. इसलिए मरीज के परिजन झाड़-फूंक का सहारा लेने को मजबूर हो गए हैं. वैसे इस तरह की वारदात हम अक्सर कहीं न कहीं सुनते रहते हैं, जो कि जल्द से जल्द बंद करना चाहिए.”

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