ग्रामीण छात्रों ने बिहार बोर्ड के मैट्रिक में लहराया परचम।
घैलाढ़ प्रखंड से विकास कुमार की रिपोर्ट
मधेपुरा:
जिला के घैलाढ प्रखंड क्षेत्र के भान टेकठी स्थित सोनाय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा कुमारी ज्योति ने एक छोटे से गांव में रहकर स्वयं अध्ययन कर बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा में 436 अंक लाकर गांव शहर और जिले का नाम रोशन किया।
आपको बता दें कि भान टेकठी पंचायत के गजेन्द्र प्रसाद हिमांशु की पुत्री ज्योति ने घर पर रह कर सेल्फ स्टडी कर मैट्रिक में 436 अंक प्राप्त की है। छात्रा ज्योति के पिता गजेन्द्र प्रसाद हिमांशु एक शिक्षक माता ललिता देवी गृहणी है कुमारी ज्योति का सपना सिविल सर्विस में जाने का है। ज्योति बताती हैं कि जब कोरोना के वजह से लॉकडाउन लगा तो उम्मीद नहीं थी कि उसे 436 अंक आ पायेगा।
लेकिन माता-पिता व गुरू के मार्गदर्शन और दोस्तों के साथ कि वजह से यह मुकाम हासिल हुआ है। कोरोना काल में कुछ पढ़ाई बाधित होने की वजह से कुछ अंक में कमी जरूर रह गया। अगर कोरोना में पढ़ाई बाधित नहीं होता तो वे निश्चित रूप से टॉप टेन होते। लेकिन अपनी स्वंय अध्ययन कर अधिक अंक लाने पर काफी खुशी होती है । ज्योति का कहना है कि उसकी ख्वाहिश आइएएस बनकर देश के लिए सेवा करना है। वे कहतीहैं कि पूरी लगन के साथ पढ़ाई कर यूपीएससी की तैयारी करेंगे। स्नातक के साथ साथ इसकी तैयारी भी शुरू कर देंगे।
ज्योति के बड़े भाई राजमोहन गांधी ने सिविल सर्विस की तैयारी में पिछले कई सालों जुटे है। माता-पिता व भाई बहन सभी ज्योति को लेकर उत्साहित हो कर फूले नहीं समा रहे हैं। वे कहते हैं कि बेटी आगे जिस फील्ड में जाना चाहती है, उसके सपने को साकार करने के लिए पूरा परिवार साथ खड़ा है। इसने साबित कर दिया कि अगर ईमानदारी पूर्वक अच्छी लगन और मेहनत से तैयारी किया जाए तो कुछ भी संभव है।
उनकी माता ललित देवी का कहना है कि हमे विश्वास नही था कि बेटी इतना अंक लायेगी । माता का कहना है कि राह संघर्ष का जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है, जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है।