बाल विज्ञान कांग्रेस से बौद्धिक क्षमता में आता है निखार
इंटर हाईस्कूल में गुरुवार को आयोजित 27 वीं जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में स्कूली बच्चों ने विज्ञान विषय से संबंधित एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा को दिखाया। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन डीपीओ अजित कुमार शर्मा ने दीप जलाकर किया। इस मौके पर इन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से बच्चों में वैज्ञानिक चिंतन के साथ बौद्धिक एवं मानसिक विकास भी होता है। इसके जरिए बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरुकता पैदा कर गुणवत्ता शिक्षा एवं स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है। एनसीएससी के अध्यक्ष जुनैद आलम ने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य देश के कोने कोने में जाकर विज्ञान प्रतिभाओं की खोज करना एवं बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का विकास करना है। ताकि तार्किक ज्ञान की दिशा में आगे बढ़ सके। इस अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय परियोजना प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों से आए बाल वैज्ञानिकों ने अपने परियोजना को प्रस्तुत किया। जिसमें मिलावटी खाद्य पदार्थों, पर्यावरण प्रदूषण से बचाव, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, जूट से इको बैग का निर्माण, रसायनिक खादों के उपयोग से नुकसान सहित अन्य समस्याओं पर अपनी प्रस्तुति दी। 27 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय स्वच्छ हरित, स्वस्थ राष्ट्र हेतु विज्ञान तकनीकी व नवाचार विषय पर आधारित स्थानीय मुद्दों को लेकर बनाए गए परियोजना रिपोर्ट का बारिकी से निर्णायक मंडल द्वार अध्ययन किया गया। जिला समन्वयक रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 8 से 10 नवंबर को मधुबनी में होगी। निर्णायक मंडल में प्रो. एस के मोदी, अरशद आजम फारुकी, प्रो. मो. निजामुद्दीन थे। जला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में चयनित सात प्रतिभागी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इनमें प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय की अनमोल कुमारी झा, मेघना भारती, नेशनल उच्च विद्यालय किशनगंज के मो. जुबेर आलम, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चकला घाट के सजर आलम, राहुल कुमार, इंटर उच्च विद्यालय किशनगंज के मनीष कुमार व उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, बेलवा काशीपुर की संजना कुमारी शामिल हैं।
स्रोत-हिन्दुस्तान