घाटों से अवैध रूप से हो रहा बालू का उठाव
बालू माफिया बालू के उठाव पर लगी रोक के बावजूद खुलेआम अवैध तरीके से बालू खनन कर बेच रहे हैं। बालू माफिया को न पुलिस का और न ही खनन विभाग का भय है। खुलेआम बालू खनन कर टैक्टर व ट्रकों पर लोडिंग कर शहर, प्रखंड व बंगाल भेज रहें हैं।
बालू संवेदक मो इसराईल पर 1 करोड़ 10 लाख रुपये समय पर जमा नहीं करने के कारण खनन विभाग की प्रधान सचिव हरजौत कौर बम्हरा ने बालू के उठाव पर रोक लगा दिया है। बिना पट्टा मिले नदी के घाटों सेभी सात नवम्बर से जिले में बालू उठाव पर रोक लगा दी गई है। बालू का चालान नहीं काटा जा रहा है। खनन पदाधिकारी संजय प्रसाद ने सोमवार को कहा कि प्रधान सचिव के निर्देश पर बालू का उठाव और चालान पर रोक लगा दी गई है। बालू संवेदक मो. इसराईल ने सरकार का बकाया राशि में से 55 लाख रुपये की राशि सरकार के खाते में जमा कर दिया है। जबकि, कुल मिलाकर करीब 70 लाख रुपये की राशि जमा कर दी है। उन्होंने कहा कि शेष राशि भी जमा कर देने के लिए समय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव के निर्देश के बाद बालू का उठाव और चालान कटा जायेगा।
बालू पर प्रतिबंध: 7 नवम्बर से बालू के खनन व उठाव पर खनन विभाग ने रोक लगा दिया है लेकिन इसके बावजूद भी बालू को खुलेआम बेचा जा रहा है। रोक के बाद दामों में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है। पहले 100 सीएफटी बालू 1500 रुपये मिल जाते थे अब 3000 हजार में मिल रहे हैं फर्क इतना है कि पहले सरकार को राजस्व मिलता था अब बालू माफिया स्वयं राजस्व खा रहे हैं। हालांकि इन बालू माफियाओं को कुछ सफेदपोश नेता का भी संरक्षण मिला हुआ है। जिनके इशारों पर बालू का अवैध कारोबार चल रहा है। इधर बालू माफिया बेखौफ होकर बालू का खनन कर रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं।