परंपरागत तरीके से मनाया गया शहादत का पर्व मुहर्रम
मंगलवार को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों में इस्लाम धर्मावलम्बियों ने परम्परागत ढ़ंग के साथ इमाम हसन व हुसैन के शहादत का पर्व मुहर्रम पर्व मनाया। शांतिपूर्ण वातावरण में मुहर्रम को लेकर जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन तत्पर रहे।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहित जिला व अनुमंडल के आला पुलिस अधिकारी अपने दलबल के साथ सड़कों पर उतर गये थे। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हमेशा सचेत देखे गये। दोपहर बाद से ही शहर व ग्रामीण इलाके के विभिन्न अखाड़ों से खलीफा एवं उसके समर्थक ताजिया व निशान के साथ विभिन्न मार्गो पर अपने अपने इमामबाड़े निकल पड़े। इस दौरान या अली व हसन के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान होता रहा। वहीं खासकर ग्रामीण क्षेत्र में हिन्दु एवं मुसलमान भाईयों ने एक साथ मिलकर अपना करतब दिखाया। जबकि देर शाम शहर के नगर थाना में नगर, सहायक व मुफसिल थाना क्षेत्र में पड़नेवाले लगभग तीन सौ से अधिक अखाड़ों के खलीफा और उसके कमेटी के सदस्यों द्वारा करतब दिखाया गया। उम्दा प्रदर्शन वाले को पुरस्कृत भी किया जाता है।
क्यों मनाया जाता है मुहर्रम का त्यौहार: कर्बला के मैदान में अपने 72 साथियों के साथ शहादत देनेवाले पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हसन की याद में मुहर्रम मनाया जाता है। जिलाधिकारी पूनम एवं पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देश पर 365 स्थानों को चिह्नित करते हुए उक्त स्थलों पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्रबलों की प्रतिनियुक्ति रहे। है।