
सदर अस्पताल में गंदगी देख भड़के सचिव
इतनी गंदगी के बीच कैसे सदर अस्पताल चला रहे हैं? जहां नजर डालते हैं वहीं गदंगी मिलती है। एक्स-रे रूम में मरा हुआ चुहा दिखता है। वहीं धूलों से भरा नर्सों का कक्ष व हर वार्ड मिल रहा है। बॉयो मेडिकल कचरा का प्रबंधन क्यों नहीं हो रहा है।
बेहतर प्रबंधन के अभाव में सभी सुविधाएं सांस तोड़ रही है। ऐसे कैसे चलेगा। यह बातें बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त आयुक्त डॉ. ज्योति रावत ने सदर अस्पताल के औचक निरीक्षण के क्रम में कही। बुधवार की सुबह 9:10 बजे सीएस के गाड़ी के साथ दो सदस्यी केंद्रीय टीम सदर अस्पताल पहुंची। टीम सबसे पहले प्रतिरक्षण कार्यालय पहुंची। फटे हालत में प्रतिरक्षण का रजिस्टर की स्थिति देख टीम के अधिकारी ने क्लास लगाते हुए कहा रजिस्टर प्रिंटेड होना चाहिए। उन्होंने कहा प्रसव वार्ड के बच्चे का टीकाकरण यहां क्यों प्रसव वार्ड में क्यों नहीं। यहां पर ओपीडी के नवजात का टीकाकरण हो। परिवार नियोजन के काउंसलर के कक्ष का दीवार पर गदंगी देख कहा जिला अस्पताल में इतना गदंगी होता है क्या? मासिक रिपोर्ट अलग-अलग क्यों नहीं है। मदर चाइल्ड ट्रेफिकिंग कार्ड क्यों नहीं है। रूई की व्यवस्था क्यों नहीं है। इसके बाद ओपीडी के कक्ष संख्या एक तथा इमरजेंसी कक्ष का निरीक्षण किया। एक्स-रे कक्ष का निरीक्षण करते समय मरा हुआ चूहा मिला। जांच अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। टेक्निशियन के पास पोशाक नहीं है, ऐसा क्यों। इसका कोई रखवाला है या नहीं। यहां पर गंदगी का आलम था। ईसीजी कक्ष, परिचारिका कक्ष, जांच घर मेल मेडिकल वार्ड, बच्चा वार्ड, महिला सर्जिकल वार्ड और बर्न वार्ड ओपीडी कक्ष, निबंधन कक्ष का निरीक्षण किया। यक्ष्मा विभाग में कई कर्मी गायब थे। जो मौजूद थे वह सही जबाब नहीं दे रहे थे। एनआरसी का निरीक्षण के क्रम में कहा केवल भात-दाल, रोटी से क्या बच्चा का कुपोषण दूर होगा इसके बाद सदर अस्पताल में निरीक्षण के क्रम में प्रसव वार्ड, एंबुलेंस, ब्लड बैंक आदि का निरीक्षण किया। जांच अधिकारी ने कहा कि सदर अस्पताल में बेकार सामान का जमावड़ा है। उन्होंने तीन दिन के अंदर हटाने का आदेश दिया।
HINDUSTAAN