
लगातार एक सप्ताह बारिश के बाद जैसे ही मौसम में सुधार आया वैसे ही हरी सब्जियों के मूल्यों में दोगुनी वृद्धि होने के कारण इन दिनों आम लोगों के थाली से हरी सब्जी गायब हो गया है।
बताया जाता है कि लगातार बारिश के कारण जहां हरी सब्जियों के पौधे में फलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बारिश के बाद कुछ पौधे के गलने के कारण कम उत्पादन हो रहा है। जबकि बाहर से आनेवाले टमाटर सहित शिमला मिर्च की स्थिति में कोई खास अन्तर नहीं आया है। बताते चलें कि विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी हैं। वाहनों का धड़पकड़ भी किया जाने लगा है। इसके बावजूद अचानक हरी सब्जियों के मूल्यों में आशातीत वृद्धि होने के कारण खासकर मध्यमवर्गीय परिवार के रसोई का बजट बिगाड़ के रख दिया है। जिसके कारण आम गृहणियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में इन दिनों सौ रुपये लेकर खरीददारी के लिए निकलनेवाले लोग महज छोटा सा प्लास्टिक का कैरी बेग भी नहीं भर पाते हैं। जबकि एक पखवाड़ा पूर्व इतनी ही राशि को लेकर पहले लोग दो शाम की सब्जी खरीदकर घर आते थे। इतना ही नहीं आम लोगों के घरों में आलू की सब्जी बहुतायत प्रयोग होता है। लेकिन इन दिनों आलू का मूल्य सातवें आसमान पर पहुंच जाने के कारण 40 रुपये प्रति किलो लोगों को खरीदना पड़ रहा है। जबकि बीते 15 दिन पहले इसका रेट 27 रुपये प्रति किलो था। इसी तरह 15 दिन पहले 18 रुपये प्रति किलो बिकनेवाला प्याज इन दिनों 50 रुपये प्रति किलो है ।