धान की फसल पर हिप्सा और सोलानी का खतरा
कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। मौसम की मार के कारण जिले में इस बार सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होने के कारण निर्धारित लक्ष्य 77 हजार हेक्टेयर के बदले 45 हजार हेक्टेयर में किसानों ने धान की खेती की है।
मानसूनी बारिश नहीं होने के कारण खेतों में धान के बिचड़े सुखने एवं धान रोपनी के बाद डीजल पंपसेट से पटवन की विवशता बनी रही। उसके बाद अगस्त माह से लगातार बारिश भी हो रही है। लगातार हो रही बारिश से धान की खेती के लिए भले ही सिंचाई में लाभ मिल जाए लेकिन लगातार बारिश का नम मौसम से धान की फसल में राइस हिस्पा कीट लगने का खतरा बढ़ गया है।
किसानों ने जतायी चिंता: हिस्पा कीट के बढ़ रहे प्रकोप पर बरारी के सुरेश साह, कोढ़ा दिघरी के गजेन्द्र यादव, महिनाथपुर के संजय सिंह एवं कुरसेला बल्थी महेशपुर के राजेश यादव ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा पहले तो सुखाड़ और बाद में बारिश के कारण इस कीट का प्रकोप बढ़ा है। इससे फसल बर्बाद हो रही है। हालांकि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा बचाव की जानकारी दी जा रही है। इससे कुछ लाभ मिल रहा है।