
सफाई के अभाव में नगर क्षेत्र बना नरक निगम
शहरों में साफ-सफाई नहीं होने से निगम नरक में तब्दील हो गया है। निगम की दो दर्जन से अधिक सफाई वाहन सात अक्टूबर से परिसर की शोभा बढ़ा रही है। साफ-सफाई नहीं होने से एक तरफ लोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है।
दूसरी ओर डम्पिंग स्थल की व्यवस्था नहीं होने के कारण निगम प्रशासक किंकर्तव्यमूढ़ की स्थिति में है। पिछले सात अक्टूबर से अब तक लगभग तीन सौ से ज्यादा आवेदन केवल टंकी सफाई के लिए लम्बित है। महीनों बीतने के बाद भी इस ओर निगम का ध्यान नहीं जाने से शहर के चौक चौराहों से लेकर घरों के टंकी के पानी की साफ सफाई के अभाव में नरक में तब्दील है। स्थिति अब ऐसी हो गयी है कि शौचालय की टंकी साफ सफाई कराने के लिए आवेदन तक नहीं लिये जा रहे हैं। इससे शहरवासियों में निगम के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
टीवी सेंटर की तारा तिर्की का कहना है कि निगम को सभी प्रकार के टैक्स चुकाने के बाद भी आवेदन देने के बाद टंकी साफ सफाई के लिए महीनो चक्कर लगानी मजबूरी है। इसके बाद भी शौचालयों की टंकी साफ सफाई नहीं जाती है। इतना ही नहीं आवेदन देने पहंुचने वाले लोगों के साथ निगम कर्मियों का बर्ताव भी सही सही नहीं किये जाने से परेशान हैं। तिर्की ने बताया कि 16 अक्टूबर को टंकी सफाई को लेकर आवेदन देने निगम पहंुची थी जहां कर्मी द्वारा बदसलूकी से पेश किया गया दोबारा जाने पर नहीं होगा साफ सफाई कहकर टरका दिये गये। जबकि इसके लिए उन्होंने साढ़े सात सौ रुपये की रसीद भी कटाई थी। पन्द्रह दिनों से अधिक बीत जाने के बाद मजबूरन घर के बगल में गढ्ढा खोदकर अपने से साफ सफाई करनी पड़ी।
स्रोत-हिन्दुस्तान