Bihar Flood: महानंदा में थमा उफान, मगर जलस्तर अब भी डेंजर लेवल से ऊपर
महानंदा के जलस्तर में बढ़ोतरी थम गया है. इस के बाद भी महानंदा खतरे के निशान से ऊपर है. पिछले 24 घंटे में जलस्तर में कोई खास बढोतरी तो नहीं हुई है, लेकिन बाढ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
कटिहार: महानंदा नदी उफान पर है. आजमनगर में नदी डेंजर लेवल को पार कर चुकी है. इसके कारण कई गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है. लोग नाव से आवगामन कर रहे हैं. नाव की कमी की वजह से आवागमन करना मुश्किल भरा साबित हो रहा है. महानंदा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महानंदा डेंजर लेवल से ऊपर आ चुकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि बहरखाल में पानी डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है. आजमनगर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव महानंदा के बाढ़ की चपेट में है
रास्ते में कमर भर तक पानी
आजमनगर की स्थिति वर्तमान में काफी भयावह दिख रही है. साथ ही कई गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पानी के चपेट में आने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. गांव तक पहुंचने के लिए रास्ते में कमर भर तक पानी हो जाने के कारण आवागमन के लिए बाढ़ पीड़ितों को अंचलाधकारी रिजवान अहमद ने एक मात्र वैकल्पिक व्यवस्था नाव दिया है. मर्वतपुर पंचायत के चांदपुर बैरिया, केलाबाड़ी पंचायत के शिव मंदिर टोला इमाम नगर, आलमपुर पंचायत के कन्हरिया गांव के लोग काफी डरे सहमे जीवन बिता रहे हैं. तटबंध से काफी दूर में बसे होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के कारण पशुओं का चारा की कमी हो गयी है.
सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली
बलिया बेलौन में महानंदा के जलस्तर में बढ़ोतरी थम गया है. इस के बाद भी महानंदा खतरे के निशान से ऊपर है. पिछले 24 घंटे में जलस्तर में कोई खास बढोतरी तो नहीं हुई है, लेकिन बाढ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सिकोड़ना, जायजा, तेतलिया, शेखपुरा, शिकारपुर, तैयबपुर, भौनगर के नदी किनारे बसे अधिकतर भाग बाढ के चपेट में है. बाढ प्रभावित क्षेत्र में सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिला है. एक दो जगहों को छोड़ कर कहीं भी सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है. नाव के अभाव में लोग एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पा रहा है. क्षेत्र जलमग्न हो जाने से खाने पीने की वस्तुओं का दाम आसमान पर हैं.