गंगा-कोसी में ऊफान से गांवों का सड़क संपर्क भंग
जिले में गंगा कोसी एवं महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को लेकर जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है।
नदी के किनारे एवं तटबंध के आस पास पड़ने वाले गांवों के लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय आने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बन गया है।
सबसे अधिक परेशानी कुरसेला, बरारी, अमदाबाद एवं मनिहारी के निचले इलाके में रहने वाले लोगों को हो रही है। कुरसेला प्रखंड के बाघमारा, चायंटोला, शेरमारी, पत्थरटोला, गोबराही के अलावा बरारी प्रखंड के बकिया सुखाय सहित मनिहारी एवं अमदाबाद के कई गांवों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा तीन चार स्थानों पर नावों का परिचालन कराया जा रहा है। जबकि अन्य स्थानों के लिए लोग निजी नावों के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुचारा व अन्य बाढ़ सहाय्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराये जाने से पीड़ितों के लिए विकट समस्या उत्पन्न होने की स्थिति बन रही है। सबसे लचर स्थिति दियारा क्षेत्र के किसानों की है। जिनका लगभग दो सौ हेक्टेयर में लगी कलाई की फसल बाढ़ का पानी आने से डूब गया है। इसके अलावा आगात फसल उत्पादन करने वाले किसानों के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। अक्टूबर माह में ऐसे किसानों द्वारा आगात मक्का की बुआई कर दी जाती थी। लेकिन बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण अभी तक किसानों के खेत में पानी जमा हुआ है।
कहते हैं आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी: इस बावत आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी सह जिला परिवहन पदाधिकारी अर्जुन प्रताप चन्द्र ने बताया कि बाढ़ की गतिविधियों की जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन को दी जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया है तथा सभी अंचल पदाधिकारी को चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है।
स्रोत-हिन्दुस्तान