गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में परेशानी बरकरार
बारिश थमने के बाद भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में परेशानी बरकरार है। मंगलवार को सहरसा और खगड़िया जले में बाढ़ के पानी में डृबकर चार लोगों की मौत हो गयी। वहीं भागलपुर जिले में लोगों से भरी नाव पलट गई। हालांकि इसमें जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई।
भागलपुर भागलपुर में गंगा 73 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से पानी नये क्षेत्रों में फैलता जा रहा है। अभी तक जिले के 16 में से 15 प्रखंडों के 270 गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। 10 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं। कई तटबंधों पर पानी का दबाव बना हुआ है। एनएच 80 पर भी कई जगहों पर पानी बह रहा है। यहां मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के बिहारीपुर से बाईपास जा रही ओवरलोड नाव पलट गई।
नाव पर 32 लोग सवार थे। हालांकि सभी लोग बाल-बाल बच गए।
खगड़िया में गंगा का जलस्तर मंगलवार को दो ईंच बढ़ा। वही गंडक नदी स्थिर रही। बाढ़ग्रस्त गोगरी प्रखंड के कठघरा गांव व अलौली प्रखंड के शुंभा-केहुना में डूबकर दो युवकों की मौत हो गई। इधर सहरसा जिले में डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी है। मृतकों में सौरबाजार का किशोर बुलबुल कुमार व सोनवर्षाराज के जम्हरा गांव का रूपेश यादव शामिल हैं। दोनों की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हुई।
लखीसराय में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। किऊल नदी के जलस्तर में मामूली गिरावट आने से किऊल नदी के प्रभावित इलाक़ो में लोगों को राहत मिली है। दियारा और ताल इलाके में बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं मुंगेर में गंगा का जलस्तर स्थिर है। बावजूद नदी खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की बदहाल स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कटिहार में सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। गंगा व कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस कारण तटबंध पर पानी का भारी दबाव बना हुआ है। जिले के पांच प्रखंडों में बाढ़ से ढाई लाख लोग प्रभावित हैं।
स्रोत-हिन्दुस्तान