मरीजों को डॉक्टरों के लिए करना पड़ता है घंटों इंतजार
स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2020 तक कटिहार को टीबी मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को ताक पर रखकर सदर अस्पताल परिसर स्थित टीबी ओपीडी का संचालन किया जा रहा है।
टीबी ओपीडी में हर दिन डॉक्टर लेट से आते हैं और समय से पहले ही चले जाते हैं। इस कारण टीबी का इलाज कराने वाले रोगियों को 20 घंटे तक डॉक्टर के आने का इंतजार करना पड़ता है। एक ऐसा ही मामला गुरुवार को सामने आया। कदवा के मोईन ने बताया कि वह टीबी रोग से ग्रस्त है। बुधवार की शाम चार बजे सदर अस्पताल के यक्ष्मा विभाग के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे तो एक व्यक्ति ने अपने आपको डॉक्टर बताते हुए कहा कि शाम हो गया घर चले जायें।
गुरुवार को सुबह आईएगा। जबकि संध्याकालीन टीबी रोगियों के इलाज के लिए ओपीडी का समय शाम में चार बजे से छह बजे तक है। वे लोग शहर में किसी प्रकार रात एक मदरसा में गुजारना पड़ा। पूछताछ में पता चला कि गुरुवार को सुबह आठ बजे ओपीडी शुरू होता है। सुबह समय पर वे लोग इलाज कराने आये लेकिन 10 बजे तक एक भी डाक्टर नहीं आये। गुरुवार को इलाज कराने पहुंचे अन्य रोगियों ने बताया कि टीबी ओपीडी में डॉक्टर हर दिन 9 से 10 बजे बाद ही आते हैं। शाम के समय ओपीडी किए बिना ही घर चले जाते हैं। बताया जाता है कि डॉ. संजय कुमार पूर्णिया जिले के कसबा से आते जाते हैं। जबकि सरकार के निर्देश के मुताबिक जिला मुख्यालय में रहकर ड्यूटी करना है। सीएस ने स्पष्टीकरण मांगा है। जबाब संतोषजनक नहीं रहा तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।
स्रोत-हिन्दुस्तान