ताइक्वांडो में गोल्ड मेडल जीतकर स्नेहा बनी जिले के लिए प्रेरणास्रोत
शारदीय नवरात्र के तहत आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। मां दुर्गा की पूजा अर्चना यह स्पष्ट रुप से संदेश देता है कि जब जब नारी को अबला समझा गया तब तब समाज के अधोगति हुई है।
इस कारण नारी समानता को स्थापित करते हुए उसने सुरक्षात्मक भाव एवं आत्म सम्मान के लिए दूसरों के साथ संघर्ष करने की जुनून की एक अलग कहानी लिख रही है शहर के न्यूमार्केट स्थित गुरुद्वारा के समीप रहनेवाली स्नेहा राज। पिता संजय कुमार और मां कल्पना देवी की पुत्री स्नेहा ने ताइक्वांडों जैसे खेल में मार्शल आर्ट के तहत खासकर जिला स्तरीय प्रतियोगिता में वर्ष 2016, 17 एवं 18 में लगातार स्वर्ण पदक हासिल किया है। जबकि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वर्ष 2017 में रजत पदक एवं इसी वर्ष एसजीएफआई में भी रजत प्राप्त करने के बाद 2018 के प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल की है। महत्वाकांक्षा से लबरेज स्नेहा राज ने वर्ष 2019 के फरवरी माह में चेन्नई में आयोजित नेशनल कैडेट प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया है। स्नेहा को डब्लूटीएफ प्रतियोगिता के दौरान पहला डेन ब्लेक बेल्ट के उपाधि से पुरस्कृत किया गया। वर्ष 2019 में सीबीएसईसी की परीक्षा में मैट्रिक में उन्होंने 92 प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण हुई है। कम उम्र में व्यापक प्रसिद्धि पाने के बाद न केवल न्यूमार्केट के गुरुद्वारा रोड के नागरिक उसक ी हौसलाफजाई कर रहे है बल्कि जिले का नाम भी वह रौशन कर रही है। स्नेहा की माने तो प्रारम्भिक दौर में खासकर स्कूली छात्राओं के साथ राह चलते उच्चकों द्वारा फब्ती कसने के कारण उनमें आत्म सुरक्षा की भावना जागृत हुई। उन्होंने अपने साथ कक्षा में पढ़ रहे अन्य बालिकाओं को भी इसके लिए प्रेरित किया।
वर्तमान समय में उनके साथ अध्ययन कर रही पांच दर्जन से अधिक बालिकाएं ताइक्वांडों खेल के माध्यम से मार्शल आर्ट की प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। उन्होंने बताया कि इससे हीन भावना से ग्रसित बालिकाओं में भी सुरक्षा को लेकर कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिल रही है।
स्रोत-हिन्दुस्तान