अररिया के फारबिसगंज में न संसाधन, न कर्मी फिर भी बेहतर का दावा
फारबिसगंज नगर परिषद में न तो संसाधन है और ना ही पर्याप्त कर्मी बावजूद बेहतर साफ सफाई का कोरा दावा किया जा रहा है। बताया जाता है कि शहर में करीब तीन सौ से अधिक गलियों व करीब दस हजार परिवारों के लिए महज पांच ट्रैक्टर व करीब दो दर्जन मजदूरों से कचरा प्रबंधन का कार्य लिया जा रहा है। इस कारण वार्डवासियों को तरह-तरह की परेशानियां होती है।
दिलचस्प यह कि जहां नप के एक सौ से अधिक सफाईकर्मियों से भी शहर की सफाई नहीं हो पाती वहां सीबीएस फैसिलिटी मैनेजमेंट प्रा.लि. करीब दो दर्जन मजदूरों के बल पर शत्-प्रतिशत कचरा प्रबंधन का दावा कर रहे हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि एजेंसी शहरवासियों को कितनी बेहतर साफ-सफाई देते होंगे। यही नहीं सफाईकर्मियों के जीवन रक्षा से जुड़े उपक्रम भी मजदूरों को उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ऐसे में एक ओर जहां प्रावधान की धज्जियां उड़ायी जा रही है वहीं दूसरी तरफ संक्रमित रोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। बताया जाता है कि नप कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमरनाथ झा व सचिव सूरज कुमार सोनू ने करीब छह-सात माह पूर्व ही लांग बूट, हेलमेट, मास्क, दस्ताना और वर्दी की डिमांड की गयी थी, जिसे अबतक पूरा नहीं कियाा गया। इधर यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष करण कुमार पप्पू ने कहा कि महादलित सफाईकर्मियों के जीवन घाती शोषण बंद नहीं हुआ तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। वहीं वार्ड पार्षद सफीना ने कहा कि शहर के ऐसे कई गलियां हैं जिस होकर ट्रैक्टर का आना-जाना मुश्किल हैं। इन जगहों पर सप्ताह में एक दिन भी सीटी धारी कचरा उठाने नहीं पहुंचते हैं। सफीना ईओ दीपक कुमार से मांग किया कि एजेसी द्वारा अल्प संसाधन में जितना काम किया जा रहा है उतना ही भुगतान किया जाना चाहिए। अगर फर्जी भुगतान हुआ तो न्यायालय का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।