
विलक्षण प्रतिभा के धनी वशिष्ठ नारायण सिंह को एक श्रद्धांजलि
वशिष्ठ नारायण सिंह जी चले गए। हमारी मिट्टी का वह सितारा जिसने कभी अपनी प्रतिभा का डंका पूरे विश्व में पीटा था। वह एक गणितज्ञ जिनका जन्म बिहार के भोजपुर जिले में 2 April 1946 को हुआ था उन्होने नेतरहाट विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और अपनी कॉलेज की पढाई के लिए पटना साइंस कालेज में एडमिशन लिया उन्होंने अपनी पीएचडी की पढाई कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से की और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बने। चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धान्त पर किये गए उनके शोधकार्य ने उन्हे भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया. बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे पर शायद भारत जैसे देश में इनकी कोई कदर ही नहीं की गयी .इनके मृत शरीर को PMCH के बाहर फेक दिया जहा इन्होने अपनी अंतिम साँसे ली. शर्म की बात है इस देश के लोगो के लिए जिसने इस गौरव की कदर नहीं की.