
SSB जवान की हत्या मामले में 9 साल बाद आया फैसला, पांच आरोपियों को उम्रकैद – ARARIA SSB JAWAN MURDER CASE
अररिया में एसएसबी जवान की हत्या मामले में एक साथ पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा मिली है. जानें कैसे हुई थी हत्या.
अररिया: बिहार के व्यवहार न्यायालय अररिया के चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार की अदालत ने हत्या मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामला ग्रामीण रंजिश से जुड़ा था, जिसमें साजिश रचकर 6 सितंबर 2016 को ग्रामीण सह एसएसबी जवान मुरली यादव की निर्मम हत्या कर दी गई थी. हत्या का मामला प्रमाणित होने पर यह सजा सुनाई गई है.
हत्या मामले में पांच आरोपियों को मिली सजा: सजा पाने वालों में महलगांव थाना क्षेत्र के बागनगर गांव के लालटू उर्फ अरविंद यादव (37), अशोक यादव (40), अशोक साह (36), नरेंद्र कुमार यादव (40) और मलहरिया गांव के बीरेंद्र मंडल (50) शामिल हैं. न्यायालय ने सभी को 60-60 हजार रुपये जुर्माने का भी आदेश दिया है. जुर्माना न चुकाने पर प्रत्येक को एक साल की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी.
निर्मम तरीके से की थी जवान की हत्या: अभियोजन पक्ष के पीपी लक्ष्मीनारायण यादव और एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि यह सजा अररिया थाना कांड संख्या 585/2016 (एसटी 633/2016) के तहत दी गई. घटना 6 सितंबर 2016 की है, जब बागनगर चौरा खोल शिव मंदिर के पास एबीसी नहर के किनारे पांचों आरोपियों ने घात लगाकर एसएसबी जवान मुरली यादव की गला दबाकर हत्या कर दी थी.
हत्या के बाद ऐसा मिटाया सबूत: सबूत छिपाने के लिए शव को नहर में फेंक दिया गया. मृतक के भाई कन्हैया यादव ने अररिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जो 7 सितंबर 2016 को दर्ज हुई. जांच के बाद 30 सितंबर 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया गया और 9 नवंबर 2016 को कोर्ट ने संज्ञान लिया. मामले में आरोप गठन 4 फरवरी 2017 को हुआ, जिसमें आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया. साक्ष्य 27 फरवरी 2017 से शुरू हुए और 14 गवाहों ने बयान दर्ज कराए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की.
“गवाहों के बयानों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया. अभियोजन पक्ष ने फांसी की सजा की मांग की, जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने कम सजा की अपील की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने भादवि की धारा 302 और 120बी के तहत आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना, साथ ही धारा 201 के तहत 5 साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माना सुनाया. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.”– लक्ष्मीनारायण यादव, पीपी अभियोजन पक्ष