Home अररिया 7 साल की बेटी को पैसे के लिए देह व्यापार के धंधे में धकेला, मां समेत 4 आरोपियों को उम्र कैद की सजा – ARARIA CIVIL COURT

7 साल की बेटी को पैसे के लिए देह व्यापार के धंधे में धकेला, मां समेत 4 आरोपियों को उम्र कैद की सजा – ARARIA CIVIL COURT

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7 साल की बेटी को पैसे के लिए देह व्यापार के धंधे में धकेला, मां समेत 4 आरोपियों को उम्र कैद की सजा – ARARIA CIVIL COURT

अररिया सिविल कोर्ट ने बच्ची को देह व्यापार कराने के जुर्म में बड़ा फैसला सुनाया है. मां समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी.

 

अररिया: बिहार के अररिया में एक मां ने पैसे के लालच में अपनी 7 साल की बेटी को देह व्यापार के गंदे धंधे में धकेल दिया. आरोप साबित होने पर अब अररिया व्यवहार न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी मां समेत चार आरोपीयो को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा एसटी 628/2024 रानीगंज 328/2024 में सुनायी गई है.

बेटी को बेचने वाली मां को उम्रकैद: शनिवार को बच्ची को वेश्यावृत्ति के लिए बेचने का मामला प्रमाणित होने पर न्याय मण्डल अररिया के जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने बच्ची की मां सहित चार अभियुक्तों को उम्र कैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई है. सभी आरोपी को कारावास की सजा के अलावा विभिन्न धाराओं में जुर्माना भी लगाया. सजा पाने वाली बच्ची की मां समेत मधेपुरा जिले के लक्ष्मीपुर भगवती वार्ड 10 निवासी मो. सहारूल उर्फ सोनू पिता-इलयास और जहाना खातुन (पति शाह मजहर) समेत मुंबई के हिंगोली निवासी शाह मजहर पिता-शाह मंजूर शामिल है.

महज 2 महीने में आया फैसला: कोर्ट का यह फैसला महज दो महीने और छह दिन में आया है, जिसको लेकर जिले में चर्चा हो रही है. एपीपी राजा नंद पासवान ने बताया कि रानीगंज प्रखंड की इस महिला ने अपनी बेटी को मो सहारूल उर्फ सोनू के हाथ बेचकर 50 हजार रुपये में बेच दिया था. आरोपी मां ने अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करवा लिया था. इस मामले में रानीगंज थाना कांड संख्या 328/2024 दर्ज किया गया था.

Araria Civil Court

अररिया व्यवहार न्यायालय (ETV Bharat)

20 नवंबर को गठित हुआ आरोप: केस के आइओ की तत्परता से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुआ. जहां न्यायालय के न्यायधीश ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 93, 98, 99, 111(5) व 143(4) के तहत संज्ञान लिया था. आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठन 20 नवंबर 2024 को किया गया था. आरोप गठन के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित अभियोजन कोषांग (स्पीडी ट्रॉयल) के पुलिस पदाधिकारियों ने त्वरित कार्यवाही कर सरकारी गवाहों को न्यायालय में पेश किया. आखिरकार गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश ने सभी आरोपियों को दोषी पाया.

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