Home अररिया छठे दिन जिला समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एकजुट सरकार और बीपीएसएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया किया.

छठे दिन जिला समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एकजुट सरकार और बीपीएसएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया किया.

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कार्यपालक सहायक सेवा संघ, जिला इकाई अररिया के बैनर तले जिले के सभी विभाग में कार्यरत सभी कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल के छठे दिन जिला समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एकजुट सरकार और बीपीएसएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया किया.

 

धरना स्थल पर मंच का संचालन अध्यक्ष मनीष कुमार ठाकुर ने करते हुए कहा कि सरकार हम सभी को को बेल्ट्रोन के हाथ बेचकर शोषण और अधिक कठोर बनाने का प्रयास कर रही है. सरकार उच्च स्तरीय कमिटी को लागू करने के बजाय कंपनियों के हाथों कार्यपालक सहायकों को बेचकर अत्याचार कराने को कुतिस्ल प्रयास कर रही है.

 

बीपीएसएम के माध्यम में 29 वीं बैठक में द्वारा लिया गया निर्णय जनविरोधी कार्यपालक सहायकों को अत्याचार की आग में धकेनले वाला निर्णय है. उन्होंने कहा कि सरकार की कठोरतम निर्णय के खिलाफ हमलोग मजबूत होकर हड़ताल पर जाने को विवश है. हमारे साथ जिले भर के सभी कार्यालय के कार्यपालक सहायकों का भरपूर समर्थन प्राप्त है और हम सभी सरकार की नीतियों के खिलाफ डट कर विरोध में खड़े है, आगे उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारे समर्थन में नहीं आती है तब तक हमलोगों का अनिश्चतकालीन चलता रहेगा.
उपाध्यक्ष दीपा मजुमदार ने कहा कि सरकार का नीतियां कार्यपालक सहायकों के विरुद्ध है, सरकार ने हमारी बहाली अपने देख देख में ज़िला पदाधिकारी की अध्यक्षता में कि गई थी, पर अब हम बेल्ट्रोन के सौंपने से वो भी निजीकरण की तरफ अग्रसर है जो बड़ी ही दिख की बात है, उनका ये निर्णय कमीशनखोरी को बढ़ावा देगा.

 

संघ के सचिव मनीष कश्यप ने कहा कि हम सभी दिन रात मेहनत कर सरकार की बहुत सारी योजनाओं को ससमय पूर्ण करने पर जुटे रहते है आज इस नीति के वजह से सरकार हमे बाहर का रास्ता दिखा कर हमारा शोषण करना चाहती है.अनिश्चितकालीन हड़ताल के कार्यकारी अध्यक्ष रोहन कुमार ने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है, बल्कि दमनकारी नीतियों से है, सरकार हमसे वार्ता करने के बजाय हम पर अत्याचार कर रही है. हमें चौबीस घंटे में योगदान करने का अल्टीमेटम देकर हमें डराने का प्रयास कर रही है, हम इस सरकार की इन दमनकारी नीतियों से डरने वाले नहीं है.

 

मरते दम तक सरकार की अत्याचारी नीतियों अंग्रेज़ो को पैट्रन वाली नीति का विरोध करते रहे है.
धरना स्थल पर संजीव कुमार, अभिषेक कुमार, आलोक झा, दिलशाद आलम, आंनद, ललित रजक, दिलीप, निधि कुमारी, प्रियंका, शिल्पा, अनुप्रिया, अमृता, मेघा कुमारी, गोशिया प्रवीण, काजल, खुशबू, वर्षा रानी सहित विभिन्न कार्यालय में कार्यरत समस्त कार्यपालक सहायक मौजूद थे.

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