अररिया। शिक्षकों की अनुपस्थिति या समय पर विद्यालय नहीं आना शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में बाधक साबित हो रहा है।
सरकार बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जगाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन मध्य सह माध्यमिक विद्यालय ठेंगापुर में यह सब फेल साबित हो रहा है। विद्यालय में दो शिफ्टों में पढ़ाई हो रही है, लेकिन छात्र-छात्राएं नहीं पहुंच रही हैं।
इसका बड़ा कारण शिक्षकों का समय पर नहीं पहुंचना है। शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे जागरण की टीम जग स्कूल पहुंची तो वहां महज एक शिक्षिका देवी अर्पणा रानी कार्यालय कक्ष में बैठी मिलीं। विद्यालय में एक भी बच्चे नहीं थे। देवी अर्पणा रानी ने बताया कि प्रधान शिक्षक महानंद रजक छुट्टी पर हैं। 11:30 बजे शिक्षक चंदन कुमार विद्यालय पहुंचे। वहीं 11:40 बजे शिक्षिका मनोरमा कुमारी आई। दोपहर 12 बजे के बाद एक-एक कर अन्य शिक्षकों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। नाइट गार्ड प्रदीप कुमार दास शुरू से ही विद्यालय में उपस्थित दिखे।
विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि यहां दो शिफ्टों में कक्षा का संचालन किया जाता है। दोनों शिफ्टों में चार-चार शिक्षकों की ड्यूटी है। यह विद्यालय की अपनी व्यवस्था है। व्यवस्था तो ठीक है, लेकिन अचरज की बात यह है कि स्कूल में नौवीं और दसवीं का एक भी विद्यार्थी नहीं दिखा। ऐसे में सवाल उठता है कि भाला दो शिफ्टों में किसे पढ़ाया जाता है। 694 बच्चे हैं नामांकित
विद्यालय में 694 बच्चे नामांकित हैं। इनमें से एक से आठ कक्षा तक में 553, नौवीं में 87 तथा दसवीं में 54 बच्चे हैं। शनिवार को एक भी छात्र उपस्थित नहीं थ, जबकि मौजूद शिक्षकों ने 40 से 50 फीसद बच्चों की उपस्थिति के बारे में बताया