लापता किशोरी के घरों में कोहराम, गांव में मातम
कोई मेरी बच्ची को ढूंढ कर ला दो कहते हुए बेहोश हो गई नेहा की मां रूक्मिणी देवी। होश आने पर रुकमणी देवी कहती हैं जिउतिया पर्व के दिन एक मां अपनी संतान की मंगल कामना के लिए पूजा अर्चना करती है, लेकिन मेरा भाग्य इतना खराब है कि आंखों के सामने नहाने गयी मेरी बेटी नेहा कुमारी बकरा की गोद में समा गई।
उसके बिना मैं कैसे रह पाउंगी। यह कहते-कहते वह फिर बेहोश हो जाती है। बता दें कि शुक्रवार को बकरा नदी के बकेनिया घाट में नहाने के दौरान तेज धारा में बहने से नेहा लापता है। इस घटना से बकेनिया गांव में जहां मातम पसरा है वहीं नेहा के घर में कोहराम मचा है। इस घटना से हर कोई हतप्रभ हैं। वहीं घटना के बाद बंकेनियां गांव में सांत्वना देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है । रूक्मिणी देवी को सात लड़की तथा दो पुत्र हैं।
नेहा कुमारी के पिता सत्यनारायण यादव रोजी रोटी की तलाश में कमाने के लिए बाहर गये हैं। घटना से मर्माहत नेहा के चाचा जागेश्वर यादव व जनार्दन यादव ने बताया कि थोड़ा भी आभास होता कि इतनी बड़ी घटना होगी तो शायद ही वे अपनी लाडली को मां रूक्मिणी देवी के साथ स्नान करने के लिए नदी जाने देती। पति की अनुपस्थिति में बदहवास रूक्मणी कहती है कि मेरी बेटी कहां चली गई। नेहा के पिता को मैं क्या जवाब दूंगी? इसके बाद रूक्मणी फिर बेहोश हो गई। ग्रामीण महिलाएं पानी छिंटकर होश लाती है लेकिन बड़बड़कर वह फिर बेहोश हो जाती थी। वहीं दूसरी ओर नहाने के दौरान पानी से सकुशल निकाली गई रोशनी कुमारी को बंकेनियां गांव में देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान वहां मौजूद सबकी जुबान पर यह बातें तैर रही थी कि जिसको ईश्वर बचाने वाला होता है उसे कुछ नहीं होता है वहीं अपनी पुत्री रोशनी कुमारी को सकुशल देख माता शर्मिला देवी तथा पिता चंदन यादव तथा नाना रामदेव यादव ईश्वर को धन्यवाद दिया। कहा कि जिउतिया भगवान साक्षात मेरी पुत्री को बचाने में मदद की है।
स्रोत-हिन्दुस्तान