भीषण ठंड में भी गरीबों को नहीं मिल रहा कंबल
पूस की कंपकपाती ठंड और भीषण शीतलहरी के बीच आमलोगों को इन दिनों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक भयावह स्थिति फुटपाथ व सड़क के किनारे गुजर बसर करनेवाले गरीबों की है।
मध्यम वर्ग एवं सुविधा सम्पन्न लोगों के लिए तो इस ठंड से संघर्ष करने के लिए गर्म रजाई, गीजर, हीटर के अलावा ऊनी कपड़े पर्याप्त मात्रा में रहने के कारण उसके लिए जाड़े का मौसम खुशनुमा होता है, लेकिन जिनके पास छत भी ठीक ढं़ग से मयस्सर नहीं है उसके लिए तो कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के पूस की एक रात के नायक हलकू जैसी होती है। जबकि सरकार द्वारा एहतियात के तौर पर सभी जिले को ठंड के मद्देनजर दो माह पूर्व ही राशि आवंटित कर दी गई थी। बावजूद अभी तक सिर्फ बारसोई अनुमंडल को छोड़कर किसी अनुमंडल में कम्बल का वितरण शुरु नहीं किया गया है। जबकि सदर अनुमंडल के सभी प्रखंडों को कम्बल क्रय कर उपलब्ध करा दिया गया है।
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