क्षतिग्रस्त पुल की जगह नहीं किया गया नए पुल का निर्माण
प्रखंड के पुरैनी पंचायत के वार्ड पांच में टूटी पुलिया की जगह नया पुल निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है। ग्रामीणों की ओर से पुल निर्माण की मांग लगातार किए जाने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। विभागीय उदासीनता के कारण स्थानीय लोगों मेंे आक्रोश भरता जा रहा है। मालूम हो कि वर्ष 2008 की भीषण बाढ़ में पुल टूटने के कारण पंचायत के पूरबी और पश्चिमी भाग के लोगों का एक- दूसरे की तरफ आना- जाना मुश्किल हो गया था।
तब से करीब एक युग बीत गया लेकिन नए पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका है। पंचायत के इस महत्वपूर्ण पूल के टूटने के बाद से पंचायत के वार्ड नंबर एक, दो, तीन, चार, पांच सहित अन्य कई वार्डों में रहने वाले करीब दस हजार से अधिक की आबादी के सामने आवागमन की समस्या हो गई। लोगों को पूरब से पश्चिम और पश्चिम से पूरब आने जाने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। खासकर पश्चिम भाग के लोगों को प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य जगह जाने के लिए काफी घूमकर आना- जाना पड़ता है।
दूसरी ओर पूरबी भाग के लोगों और कई पंचायत जैसे रामनगर महेश, इसराइन बेला, परमानंदपुर, मंगरवाड़ा, लक्ष्मीपुर भगवती आदि के हजारों लोगों को खासकर दुकानदारों को जदिया और त्रिवेणीगंज जैसे बाजार से
खरीद बिक्री के लिए आवागमन में ये टूटा पुल बाधक बन गया है। बताया गया कि कभी इस पुल से इलाके के सैकडों व्यवसाइयों को काफी फायदा होता था जिस पर मानो ग्रहण सा लग गया है। हजारों की आबादी के सामने आवागमन की समस्या रहने के बाद भी विभाग और जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
पूर्व मुखिया मो. जलालुद्दीन, विनोद मंडल, पैक्स अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, संजय कुमार यादव, मो. मुद्दी, मो. अताबुल, मो. कमालआदि का कहना है कि बाढ़ से ध्वस्त पुल का पुनर्निर्माण नहीं कराने के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने सरकार, जिला प्रशासन, विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पुल का निर्माण कराने की मांग की है।
स्रोत-हिन्दुस्तान