इलाज नहीं, सिर्फ रेफर होते हैं मरीज
कहने को तो कटिहार रेलवे न्यू कॉलोनी में मंडल अस्पताल है लेकिन, इमरजेंसी इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। इस अस्पताल में आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी आदि की सुविधा है लेकिन, विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में इलाज नहीं हो पाता है।
इमरजेंसी की हालत में यदि कोई रोगी यहां पहुंच गये तो प्राथमिक उपचार के बाद रोगियों को या तो यहां के डॉक्टर रेफर कर देते हैं या फिर रोगी के परिजन स्वेच्छा से ही रेफर करा लेते हैं। यह हाल कोई एक-दो दिनों या महीनों का नहीं बल्कि, वर्षों से चल हैं। रेलकर्मियों ने रेल मंडल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग कर चुके हैं।
महाप्रबंधक, मुख्य स्वास्थ्य प्रबंधक से लेकर डीआरएम स्तर पर कई बार अस्पताल का निरीक्षण किया जा चुका है। अस्पताल प्रबंधन और रेलवे इंप्लाइज यूनियन स्तर पर भी कई बार महाप्रबंधकों, मंडल रेल प्रबंधकों से कई बार मिलकर अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ानें की मांग कर चुके हैं लेकिन हालत में कुछ भी बदलाव नहीं हो सका है। मंडल रेलवे अस्पताल के वरीय चिकित्सक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए इमरजेंसी की कोई सु़विधा नहीं है। सात दिनों में छह दिनों तक प्रसव नहीं कराया
जाता है। सात दिनों में केवल बुधवार को पुरुष महिला रोग विशेषज्ञ के आने के बाद ही रोगियों को भर्ती कर प्रसव कराया जाता है। अन्य दिनों में प्रसूताओं को भर्ती नहीं किया जाता है। गाइनोकॉलोजिस्ट के नहीं रहने से डर बना रहता है कि कहीं प्रसव के समय किसी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाये तो जच्चा व बच्चा दोनों की जान पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
बोले रेल कर्मी: कटिहार रेल मंडल के इंप्लाइज यूनियन के मंडल सचिव रुपेश कुमार ने बताया कि रेलवे अस्पताल की हालत बहुत ही खराब है। डॅाक्टरों के अभाव में रेलकर्मियों को अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य सेवा का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। कहने को एक दर्जन से अधिक डॉक्टर है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में रोगियों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। जीएम व डीआरएम तक कई बार मांग पत्र दिया गया है लेकिन कोई भी अधिकारी रेलकर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा की ओर कोई पहल नहीं कर रहे हैं। जल्द ही बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने के लिए आंदोलन किया जायेगा।
स्रोत- हिन्दुस्तान