वाहे गुरुजी का खालसा वाहे गुरुजी की फतेह से गंूजा शहर
सिख धर्म के प्रवर्तक एवं प्रथम गुरु गुरुनानक देवजी महाराज के 550वां प्रकाश पर्व मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया।
शहर के गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुनानक गुरुद्वारा साहिब में गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया गया। पांच हजार महिला पुरुष युवा एवं बुजुर्ग श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी एक स्वर से वाहे गुरुजी का खालसा वाहे गुरुजी की फतेह और जो बोले सो निहाल सत्य श्री अकाल के नारे लगाते रहे।
जम्मू कश्मीर से आये गटका पार्टी द्वारा युद्ध कौशल के तहत तरह-तरह के करतब दिखाये गए। वहीं असम के गुवाहाटी से आये वेलत्रला के पालकी साहब एवं लुधियाना से आये बैंड पार्टी के कलाकारों ने गजब के कला का परिचय दिया।
इस अवसर पर अमृतसर से आये रागी जत्था के संगतों ने कहा कि श्री गुरुग्रंथ सिंह साहिब नु मनिये सदा ही शिष्य झुकाये, सब धर्म आदर करिये, सब नु ऐह समझाये, गुरुवाणी करलो सिमरन करलो, सास गिरा गुरुनानक दे दास असिय है गुरुनानक दे दास।
एक ईश्वर एवं उसके द्वारा श्रृष्टि की रचना के संदर्भ में पंजाब से आये कथावाचक ने कहा एक ओमकार सत्य है जो जीव को निर्भय करता है तथा परमात्मा की प्राप्ति के लिए गुरु मार्ग बताते है।