जीजा एवं साले का शव गांव पहुंचते ही मचा कुहराम
जलालगंढ थाना क्षेत्र के एन एच 57 पर बुधवार को जीजा मो. काबूल एवं साला मो. तबरेज कि सड़क हादसे में कि मौत के बाद हो गई थी । दोनों मृतक डगरूआ थाना क्षेत्र के डगरूआ पंचायत के लडूआ गांव के निवासी है। गुरूवार कि दोनों जीजा साला का शव पोष्ट मार्डम के बाद गांव पहुंचे ही परिजनों में कोहराम मच गया । वहीं हर में हर किसी कि आंखों में आसु भरे हुए थे ।मृतक मो. काबूल उम्र 35 वर्ष अपने पीछे अपने बीबी रजीना खातुन एवं कुछ छह बच्चों जिसमें तीन बेटी एवं तीन बेटा है, सबसे बड़ी बेटी दस वर्ष कि है जबकि सबसे छोटी बेटी एक वर्ष कि है । वहीं बीबी रजीना खातुन के पति एवं भाई दोनों कि एक साथ मौत से काबुल कि पन्ती एवं मां बार-बार रो रो कर बेहोस हो जाती है जबकि पिता रसीद आलम ने बताया कि बड़ा बेटे कि मौत कि जगह मुझे ही उठा लिया होता । वहीं परिजनों का रो – रो कर बुडा हाल है । मो. काबुल सिजन के अनुसार चावल खरीद – बिकरी का प्याकारी करता था।वहीं दूसरा मृतक साला तबरैज आलम उम्र 27 वर्ष कि मौत ने तो बीबी हीना प्रवीन का बार बार बेहोस हो जा रही है कि अब किससे सहारे चार बच्चों का पालन पोषन करेगी और अब कैसे जिनदगी काटेगी । वहीं मृतक तबरेज कि मां नूरशबा खातुन ने रो – रो कर दाती लग जा रहा है । परिजनों ने बताया कि बड़े बेटे एवं बड़ा दामाद कि मौत कि खबर सुनने के बाद से ही बार बार दाती लगा रहा है एवं सदमे में कुछ भी नहीं बोल नहीं रही है । वहीं पिता मो. ईमाम आलम ने रो रो सुसके हुए कहा कि तबरेज घर में बड़ा था जो प्लाई मिल के मजदूरी का काम करता था और घर का सारा काम वहीं देखता था बालते रोने लगे और बेहोस हो गए ।तबरेज कि घर में आने वाली थी खुलाया -परिजनों ने बताया कि तबरेज कुल चार भाई एवं चार बहन से था । आठों भाई – बहन में तबरेज सबसे बड़ा था । चार में तीन बहन कि शादि हो चुकि है और सबसे छोटी बहन के रिस्ते कि बात चल रही थी साल के अंत तक बहन कि शादी करने का जिमा भी उसे के कंधे पर था और शादि करने को लेकी कई जगह रिस्ते कि बात भी चल रही थी । लेकिन बुधवार कि सड़क हादसे में बड़े भाई कि मौत से खुशी आने से पहले ही मातम में बदल गया ।किस्त में लिया था बुलेट -मो. काबूल ने 20 अगस्त 2018 को एचडीएफसी बैंक से किस्त पर बुलेट लिया था । घर में बाईक लेने से मना भी किया गया था कि घर कि स्थिति बहुत अच्छी नहीं है लेकिन मो. काबूल ने परिवार वालों को समझा बुझा तैयार किया था । परिजनों ने कहा कि अब नहीं लिया होता बुलेत तो नहीं होती मौत ।जीजा साले कि मौत से गांव में नहीं जला चुल्हा -जीजा मो. काबुल एवं साला मो. कबरेज के शव गांव में पहुचते हीं गांव में कहरोम मच गया। जीजा साला के घर कि दूरी तीन सौ मिटर है । शव उठने तक रिस्तेदारों का आना जाना लगा रहा लेकिन वार्ड 13 में किसी के भी घर चुल्हा नहीं जला । पहले जीजा का शव उठाया फिर साला का शव उठाया गया। दोनों जीजा का एक साथ अलग – अलग मिट्टी की गई ।बायसी एसडीपीओ मनोज कुमार राम ने बताया कि घटना स्थल थाना क्षेत्र में मामला दर्ज कियस जा रहा है । दोनों पीड़ीत परिवारों को आपदा कि राशि भी मिलने गी ।