गंदगी से बीमारी फैलने की आशंका
लाख प्रयास के बाद भी अस्पताल में साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम नहीं हो पा रहा है। वैसे तो अस्पताल के अंदर में सफाई थोड़ा बहुत दिखता है। लेकिन बर्न वार्ड, सर्जिकल वार्ड के अंदर और बाहर वातावरण काफी परेशान करने वाला रहता है।
सफाई कर्मचारियों की मनमानी और स्वास्थ्य अधिकारियों के उदासीनता के कारण अस्पताल में जहां-तहां गंदगी पड़ा रहता है। इससे रोगियों और उसके परिजनों के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल परिसर के चारों ओर आवासीय लोगों को काफी परेशानी होती है। रोगियों के परिजनों में सुबोध कुमार, राजकुमार, अजय कुमार, रितेश कुमार, सुनीता कुमारी ने कहा कि अस्पताल में फैली गंदगी ने अस्पताल की साख पर बट्टा लगा दिया है। अस्पताल परिसर के चारों ओर गंदगी ही दिखता रहता है। इससे अस्पताल आने जाने वाले लोगों की नजर में अस्पताल का आकर्षण दिन प्रतिदिन घट रहा है। लोगों का आरोप है कि सरकार की ओर से वार्डों व ओपीडी कक्ष के आसपास से गदंगी को हटाकर रखने के लिए लाखों रुपये का कूड़ेदान दिया गया है। लेकिन सफाई कर्मी के मनमानी के कारण कूड़ादान अस्पताल प्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराने के बाद भी अस्पताल के सर्जिकल, मेल मेडिकल, फिमेल मेडिकल, बर्न वार्ड, बच्चा वार्ड, एसएनसीयू , प्रसव वार्ड से निकाले गये गंदगी व मेडिकल कचरा को जहां-तहां काफ ी देर तक फे क दिया जाता है। काफी देर के बाद उस कचड़ा को भी हटाते कर अस्पताल परिसर में टीबी इकाई, रोगियों का भोजनालय के पास, प्रसव वार्ड के पीछे, जिला दवा भंडार केंद्र के पीछे फेक दिया जाता है। हर दिन गंदगी का निपटारा नहीं होने से कूड़ा कड़कट सड़ने लगता है। उससे दुर्गंध निकलने लगता है। मामले में सीएस डॉ. मुरर्तजा अली के सरकारी नंबर पर रिंग बजती रही लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया। जबकि डीएस का मोबाइल स्विच ऑफ मिल रहा था।
स्रोत-हिन्दुस्तान