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बिहार की ग्रामीण सड़कों का होगा कायाकल्प, सरकार ने शुरू की योजना; नहीं चलेगी ठेकेदारों की मनमानी

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बिहार की ग्रामीण सड़कों का होगा कायाकल्प, सरकार ने शुरू की योजना; नहीं चलेगी ठेकेदारों की मनमानी

Bihar News : बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार 17,266 करोड़ रुपये खर्च कर ग्रामीण सड़कों का रखरखाव करने वाली है। इसके साथ ठेकेदारों की मनमानी पर भी लगाम लगाने की कोशिश है।

Bihar News : बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों का 7 वर्ष तक रखरखाव करने को लेकर दीर्घकालिक योजना तैयार की है। मंत्रिपरिषद के स्तर से इसकी स्वीकृत मिलने के बाद 11 हजार 251 सड़कों का रखरखाव करने से संबंधित कार्ययोजना तैयार की गई है। इसकी कुल लंबाई 19 हजार 867 किलोमीटर 66 मीटर होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 17 हजार 266 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रस्ताव की मंजूरी मंत्रिपरिषद से मिलने के सिर्फ 5 दिन बाद ही निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है।

गुणवत्ता में कमी पाई जाने पर ठेकेदार पर होगी कार्रवाई

राज्य सरकार की योजना ग्रामीण सड़कों को भी राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की तरह मेंटेन रखने की है। योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 650 पैकेज तैयार किए गए हैं, जिनमें एक श्रेणी 10 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक की श्रेणियों में ठेके दिए जाएंगे। किसी भी पैकेज की अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये तय की गई है, ताकि काम के निष्पादन में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। इतना ही नहीं, ठेकेदारों को सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। यदि किसी सड़क की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है तो संवेदकों के मासिक भुगतान में कटौती की जाएगी।

गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष जोर

योजना की समीक्षा मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के स्तर पर निरंतर की जा रही है, जिसमें सड़कों की गुणवत्ता और समय पर कार्य पूरा करने को खासा प्राथमिकता दी गई है। सरकार की मंशा अप्रैल 2025 की शुरुआत तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर लेने की है। 15 जून तक सभी सड़कों का प्रारंभिक मरम्मत कार्य संपन्न कर लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान सड़क की सतह को मजबूती देने का कार्य किया जाएगा।

एप के माध्यम से ग्रामीण खराब सड़कों की कर सकते हैं शिकायत

सरकार इस परियोजना में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है। सभी सड़कों को जियो टैग से जोड़ा जाएगा। इससे उनकी स्थिति की ऑनलाइन निगरानी संभव होगी। यदि किसी सड़क पर गड्ढे बनते हैं या मरम्मत कार्य में लापरवाही होती है तो स्थानीय लोग “हमारा बिहार हमारी सड़क” मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत भी कर सकते हैं।

पर्यावरण का भी रखा जाएगा ख्याल

सड़कों के निर्माण और रखरखाव कार्य में पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। निर्माण में बेकार या कूड़े के प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा। इससे प्लास्टिक कचरे का फिर से उपयोग हो सकेगा और सड़कों की मजबूती भी बढ़ेगी। गांवों के भीतर संपर्क को और बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त सुलभ संपर्कता योजना और टोला संपर्क योजना के तहत भी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

रोजगार और विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से ग्रामीण इलाकों में यातायात सुगम होगा, जिससे किसानों को अपने उत्पाद आसानी से बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार की यह पहल न केवल परिवहन सुविधाओं में सुधार लाएगी बल्कि ग्रामीण विकास को भी मजबूती प्रदान करेगी।

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