मुंबई में थे नीतीश उधर पटना में BJP को राजधर्म याद दिला रही थी JDU, जानें पूरा मामला
Bihar Poltics: बिहार में जेडीयू ने असम सरकार के बीफ बैन के फैसले पर बीजेपी को राजधर्म की नसीहत दी है। जेडीयू ने कहा यह लोगों के खाने-पीने की आजादी से जुड़ा अधिकार है। ऐसे में उनका यह फैसला समझ से परे हैं।
JDU Slams BJP on Beef Ban Assam: बिहार के सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को महाराष्ट्र सीएम के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मुंबई आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। वहीं दूसरी और बिहार में जेडीयू नेताओं के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया और राजधर्म का पालन करने की नसीहत दे डाली। इसको लेकर सियासी अफवाह तेज है कि यह सब अचानक कैसे हो गया?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने असम में खाने-पीने की आजादी के अधिकार का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे समाज में तनाव बढ़ेगा। इसके अलावा जेडीयू ने किसान आंदोलन पर उपराष्ट्रपति के बयान का भी समर्थन किया है। बता दें कि असम में बीजेपी सरकार ने बीफ बैन कर दिया है। इस पर एनडीए में शामिल मुख्य घटक दल जेडीयू ने सार्वजनिक तौर पर विरोध जताया है। जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों के अधिकार से जोड़ दिया।
समाज में तनाव बढ़ेगा
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा सरकार को इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए कि लोग क्या खाते हैं और क्या पहनते हैं? उन्होंने कहा यह फैसला राजधर्म के खिलाफ और समझ से एकदम परे हैं। इस मामले को लेकर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा संविधान सभी को खाने-पीने की आजादी देता है। होटलों और सावर्जनिक जगहों पर बीफ बैन से समाज में तनाव बढ़ेगा।
बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार
बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के 11 महीने बाद यह पहली बार है जब उसके सहयोगी जेडीयू ने बीजेपी सरकार के किसी फैसले का विरोध किया है। इससे पहले वक्फ बोर्ड में संशोधन जैसे कानून पर जेडीयू ने तटस्थ रुख अपनाया था। इसके साथ ही जेडीयू ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरा है। अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या बीजेपी और जेडीयू में फिर से तल्खी बढ़ना शुरू हो गई है। हालांकि नीतीश कुमार लगातार ये कह रहे हैं कि पुरानी गलतियां फिर से नहीं दोहराई जाएगी। ऐसे में देखते हैं कि जेडीयू की प्रतिक्रिया पर बीजेपी क्या कहती है?