
मुसलमानों को लेकर ये क्या कह गए JDU सांसद, बिहार में मचा सियासी घमासान
देवेश चंद्र ठाकुर का बयान राजनीतिक मामलों में एक नया मोड़ ला सकता है, जिससे समाज में भारी विवाद पैदा हुए हैं. उनके बयान ने समाज में जातिगत और धार्मिक भावनाओं को झकझोर दिया है और उनके राजनीतिक स्तर पर प्रभाव पर भी गहरा असर पड़ा है.
एक तरफ जहां बिहार में राजनीतिक बयानबाजी जोरों पर है वहीं दूसरी तरफ हाल ही में सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का एक विवादित बयान सामने आया है, जिससे राजनीतिक दलों और समाज में गहरी असहमति पैदा हो गई है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे पिछले 22 सालों से राजनीति में सक्रिय रहे हैं और यादव और मुसलमानों के लिए बहुत काम किया है, लेकिन अब उन्हें इस काम को नहीं करना है. उन्होंने आगे यह भी कहा है कि अगर कोई इस जाति का है और उनके यहां काम करवाने आता है तो वह जरूर चाय-नाश्ता करें और वापस जाएं, क्योंकि उन्हें उनका काम नहीं करना है. उन्होंने तीर के निशान में प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा देखने की भी बात की, जिससे उनके बयान ने अफवाहें और विवादों की आग भर दी.
विवाद का बाद
इस विवादित बयान के बाद, देवेश चंद्र ठाकुर को बहुत सारी आलोचनाएं मिलीं हैं. वे बिहार की राजनीतिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण नेता हैं और उनके बयान ने न केवल उनके व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज में भी गहरा दाग छोड़ा है. इस बयान ने उनकी राजनीतिक इमेज पर प्रश्न उठाए हैं और उनके समर्थकों के बीच विभाजन पैदा किया है.
राजनीतिक करियर
देवेश चंद्र ठाकुर का राजनीतिक करियर काफी लंबा और सफल रहा है. उन्होंने बिहार विधान परिषद के सभापति के रूप में भी कार्य किया और उनका योगदान राज्य की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने अपनी राजनीतिक प्रवृत्ति के दौरान कई विवादों का सामना किया है, लेकिन इस बारे में उन्होंने अपने बयान के माध्यम से विशेष चर्चा खड़ी की है.
चुनावी जीत
आपको बता दें कि देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी से 2024 के लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त की है. उन्हें अपनी सीट पर अच्छी बहुमत से जीत मिली है और वे अब नवनिर्वाचित सांसद के रूप में कार्य कर रहे हैं. उनके इस्तीफे से उनकी पूर्व पदस्थ सभापति की कुर्सी खाली हो गई है और बिहार विधान परिषद के लिए एक नया सभापति चुना जाना होगा.
लोकसभा चुनाव में विजय
इसके साथ ही आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी से भाजपा के उम्मीदवार अर्जुन राय को हराकर एक बार फिर से जनता का विश्वास जीता. उन्हें 515719 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी को 464363 वोट मिले. इस जीत ने उनके राजनीतिक करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उन्हें लोकसभा में एक महत्वपूर्ण स्थान पर बिठाया.