लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले बिहार के मूड पर सम्राट चौधरी का बयान, जानें क्या कहा?
बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले सम्राट चौधरी आज एक बेबाक नेता के रूप में जाने जाते हैं. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वह उपमुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाल रहे हैं.
बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले सम्राट चौधरी आज एक बेबाक नेता के रूप में जाने जाते हैं. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वह उपमुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाल रहे हैं. वहीं एक मीडिया से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि, ”अब राजनीति के तौर तरीके में काफी बदलाव आ गया है. अब रिपोर्ट कार्ड के आधार पर चुनाव जीते जाते हैं. पहले के चुनावों में जाति, अगड़े, पिछड़े, जातीय समीकरण की बात होती थी, लेकिन तब से गंगा में काफी पानी बह गया है. अब लोग आपके रिपोर्ट कार्ड, आपकी नीतियों और आपके द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा
वोट बैंक पर सम्राट चौधरी का बड़ा बयान
आपको बता दें कि सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि, ”कोई भी पार्टी अब किसी जाति को वोट बैंक का दावा नहीं कर सकती. पिछले चुनाव में 39 सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी विजयी हुए थे. यह परिणाम इसकी तस्दीक करते हैं.” वहीं आगे उप मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि, ”इस चुनाव में बिहार में एनडीए ने 40 की 40 सीटों पर जीतने का लक्ष्य रखा है और बिहार की जनता मोदी जी के साथ खड़ी है और हम लोगों को 40 सीट पर जीत दिलवाएगी. इसमें किसी को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए.” इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड़ने में किसी तरह के नुकसान के सवाल पर उन्होंने आगे बताया कि, ”यह कोई नया गठबंधन नहीं है, हम लोग पहले भी सरकार चला चुके हैं और चुनाव लड़ चुके हैं. हमारा गठबंधन उनकी नीतियों और सिद्धांतों को देखकर हुआ है.”
डिप्टी सीएम की राजनीतिक विचारधारा पर क्या है बोल?
वहीं आपको बता दें कि बिहार के दिग्गज नेता शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी का साफ कहना है कि, ”भाजपा में किसी प्रकार के सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए कार्य नहीं किये जाते हैं. आज आप खुद देख लीजिए जातियों के नाम पर राजनीति करने वाले, तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राजनीति में कहां हैं?” इधर, राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा नौकरी को मुद्दा बनाने पर सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि, ”आप खुद सोचिए कि क्या किसी सरकार में उप मुख्यमंत्री नौकरी देते हैं? राज्य सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही नौकरी, रोजगार को लेकर काम चल रहा था.” अब सम्राट चौधरी के इस बयान से विपक्ष में हलचल मच सकती है.