इस गांव में नहीं बन पाई पक्की सड़क, एम्बुलेंस के आने का भी नहीं है रास्ता
सुपौल के मरौना प्रखंड स्थित सरोजबाला पंचायत में अबतक सिमराहा गांव से मधुबनी जिले के मैनही और घोघरडीहा बाजार को जोड़ने वाली सड़क नहीं बन पाई है. इस गांव के लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर किसान तरह-तरह की सब्जियां उगाते हैं.
देश को आजद हुए कई दशक बीत गए हैं, लेकिन सुपौल के मरौना प्रखंड स्थित सरोजबाला पंचायत में अबतक सिमराहा गांव से मधुबनी जिले के मैनही और घोघरडीहा बाजार को जोड़ने वाली सड़क नहीं बन पाई है. सुपौल जिले के सरोजाबेला पंचायत में सिमराहा गांव है. सिमराहा गांव के बाद धुतराहा गांव पड़ता है. जहां के किसान व्यापक स्तर पर सब्जी की खेती करते हैं. इस गांव के लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर किसान तरह-तरह की सब्जियां उगाते हैं और इस गांव से बिहार के प्रमुख शहरों के अलावे बंगाल, उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल तक सब्जियां जाती है, लेकिन सड़क नहीं बनने से ना केवल किसानों को भारी दिक्कत होती है. बल्कि हक्की बारिश या बाढ़ आने से यहां के बच्चे स्कूल अथवा बाजार भी नहीं जा पाते हैं. बारिश होने के बाद कच्ची सड़क गीली हो जाती है. जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाने के कारण वाहनों का परिचालन ठप हो जाता है.
एम्बुलेंस तक गांव में नहीं आ पाती
यहां के किसान बताते हैं कि आपातकाल स्थिति में प्रसव पीड़िता हो या किसी भी मरीज को अस्प्ताल तक ले जाने में भारी तबाही झेलनी पड़ती है. यहां तक इस गांव में एम्बुलेंस वाले भी नहीं पहुंच पाते हैं. गांव के लोग यदि इमरजेंसी होने पर एम्बुलेंस को कॉल करते हैं तो मरीज के साथ परिजनों को काफी दूर बुलाया जाता है. लिहाजा मरीज को गांव के लोग खटिया पर लाद कर एम्बुलेंस तक अथवा अस्पताल तक ले जाते हैं.
ग्रामीणों को करना पड़ता है मुश्किलों का सामना
गौरतलब है कि बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के विधानसभा क्षेत्र की यह दुर्दशा देख ग्रामीण काफी नाराज हैं. कष्टमय जीवन यापन कर रहे गांव के किसान बताते हैं कि मंत्री बिजेंद्र बाबू को वे सभी भगवान मानते हैं, लेकिन भगवान की कृपा नहीं हो पा रही है. जबकि इस सड़क के बन जाने से सरोजाबेला सहित आसपास के सैकड़ों गांव के लोग लाभान्वित होंगे.