भ्रष्टाचार और बिहार का पुराना नाता है ये बात तो सभी जानते है कि अगर आपको बिहार में कोई भी सरकारी काम करवाना हो तो बिना घूस दिए आपका काम हो ही नहीं सकता मगर कुछ ईमानदार अधिकारी भी हैं जो इन सब बात को झूठ करते नजर आ रहे हैं. गया के सिविल सर्जन कार्यालय में एक ऐसा नजारा दिखा जिसने सभी को हैरान कर दिया. जहां एक अल्ट्रासाउंड संचालक ने घूस देने की कोशिश की जिसके बाद अधिकरी ने उसकी फटकार लगाते हुए पुलिस को इसकी सूचना दे दी और उसे गिरफ्तार करवाया.
घटना बुधवार की बताई जा रही है. गया के इमामगंज प्रखंड के रानीगंज बाजार स्थित प्रगति अल्ट्रासाउंड के संचालक पंकज कुमार सिंह अपने सहयोगी के साथ गया के जेपीएन अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे थे . उसने एक आवेदन भी लिख रखा था जिसमें यह जिक्र था कि रद्द अल्ट्रासाउंड को पुनः बहाल किया जाय इसके लिए नए डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की बात भी बताई गई. इसी आवेदन को देने के बहाने वह सिविल सर्जन कक्ष में जा पहुंचा. वहां पहले से लिफाफे में रखे 12 हजार रुपए को सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह को दे दिया. जिसके देखते ही सिविल सर्जन गुस्से में आगबबूला हो गए और फिर कोतवाली थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया की रानीगंज में संचालित प्रगति अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की गई थी जहां सेंटर में सेक्स डिटरमिनेशन के कई प्रमाण मिले थे तथा उचित व्यवस्था भी नहीं थी जिसके बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर का लाइसेंस सितंबर महीने में ही रद्द कर दी गई थी. जिसके बाद नवंबर महीने में संचालक के द्वारा अल्ट्रासाउंड सेंटर को पुनः बहाल करने को लेकर आवेदन दिया गया था. जिसके बाद वो बुधवार को सीधा सिविल सर्जन को 12 हजार रुपए से भरे लिफाफे को देने पहुंच गया.