घनी आबादी के बीच मोतीबाग कचरा स्थल दे रहा बीमारी को न्योता
किशनगंज नगर परिषद में अब तक कचरा प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था नहीं हो पायी है। जिससे शहर का कचरा अब मोतीबाग के लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। मोतीबाग में नगर परिषद ने वर्ष 2008 में ट्रेंचिंग ग्रांउड बनाया था। जहां शहर का कचरा उठाकर फेंका जाता है। लेकिन अब यह कचरा स्थल भी भर गया है। जिससे कचरा का बिखराव मुख्य सड़क तक पहुंच गया है। जो मुहल्लेवासियों के लिए परेशानीदायक हो गया है। कचरा के दुर्गंध से लोगों का इस होकर चलना मुश्किल हो रहा है। लोगों में महामारी का डर सताने लगा है। जिस वक्त यहां ट्रेंचिंग ग्रांउड बनाया गया था उस वक्त वहां घनी आबादी नहीं थी। धीरे-धीरे शहर का विस्तार उधर ही होता गया अब वहां घनी आबादी बस गयी है। कचरे के दुर्गंध से वहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इसको लेकर पूर्व में कई बार लोग सड़क पर उतर कर विरोध भी जता चुके हैं। लेकिन अब तक नगर परिषद की ओर से इसका निदान नहीं किया गया है। जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इधर कुछ दिनों पूर्व हुई लगातार बारिश के बाद कचरा सड़कर और बदबू देने लगा है। यह सड़क मोतीबाग होते ढ़ेकसरा, गाछपारा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों को जोड़ती है। इस होकर हजारों लोगों की प्रतिदिन आवाजाही होती है। लेकिन इस जगह पहुंचते ही दुर्गंध से लोग बेचैन हो जाते हैं।
कचरा प्रोसेसिंग प्लांट के लिए पांच वर्ष पूर्व हुई थी जमीन की खरीद
शहर के कचरा प्रबंधन के लिए नगर परिषद द्वारा करीब पांच वर्ष पूर्व महेश बथना के समीप 12 एकड़ जमीन की खरीद की गयी थी। यहां कचरा प्रबंधन के लिए कचरा प्रोसेसिंग प्लांट बनना था। इसमें सूखे व गीले कचरे से अलग अलग उत्पाद तैयार किया जाना था। जो अब तक कागजों में ही सिमट कर रह गया। हालांकि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार द्वारा कचरा प्रोसेसिंग प्लांट के लिए प्रयास शुरु किया गया था। लेकिन नगर विकास व आवास विभाग द्वारा एक आदेश निकालकर राज्य के सभी जिलों में तत्काल इस पर रोक लगा दिया गया। अब इसका टेंडर राज्य स्तर से ही होने की संभावना है। फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।