श्रीराम कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
दुर्गा मंदिर परिसर में दस दिवसीय गणेश पूजा महोत्सव को लेकर गांधी पार्क में चल रहे श्रीराम कथा में प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। अयोध्या से आई बाल विदुषी देवी सुनैना कृष्णा ने श्री राम-सीता विवाह का कथा सुनाया। कहा कि महाराज जनक जी ने धनुष तोड़ने की प्रतिज्ञा इसलिए ली थी क्योंकि वह रोज धनुष की पूजा करते थे और एक दिन सीता मां से बोलते हैं कि गाय के गोबर से धनुष के आसपास रोज लेपन कर दिया करें। माता सीता जी हर दिन धनुष के आसपास गाय के गोबर से लेपन करती है। एक बार माता सीता ने सोचा कि धनुष के नीचे भी लेपन कर दे तो वह एक हाथ से धनुष उठाती है और उसे दूसरी जगह रखकर दूसरे हाथ से लेपन करती है।
कुछ देर बाद जनक जी आते हैं और यह दृश्य देखकर अचंभित हुए। उन्होंने सीता मैया से पूछा कि यह धनुष किसने उठाया है तो सीता माता ने बताया कि पिताजी हम धनुष के नीचे लेप लगाने के लिए उसको उठाकर अलग जगह रखे हैं। यह बात सुनकर जनक जी झेप गए। मन ही मन आनंदित जनक जी ने कहा कि माता जगदंबा का अवतार हो चुका है और हमें अब उसके पति के पास उनको सौंप देना चाहिए। सुनैना देवी ने कहा कि महाराज जनक जी सोचते हैं कि भगवान को कैसे ढूंढे। उन्होंने प्रण किया है कि जो धनुष तोड़ेगा वही सीता जी से नाता जोड़ेगा। वह इसलिए कि भगवान के अलावा कोई और दूसरा कोई धनुष नहीं तोड़ पाएगा।