RTI कार्यकर्ता हत्याकांड में बड़ा खुलासाः ‘नेताजी’ समेत इन 8 लोगों ने ‘कांटा’ हटाने को रची थी साजिश..20 लाख रू में हुआ था सौदा
मोतिहारी के आरटीआई एक्टिविस्ट विपीन अग्रवाल की हत्या के 13 दिन बीत गये. अब भी कई गुनाहगार पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हालांकि मोतिहारी पुलिस ने हत्या में शामिल 2 शूटरों को गिरफ्तार किया है। हत्या के लिए 20 लाख की सुपारी देने वाले असली गुनाहगारों को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है। जांच में यह बात साफ हो गई है कि जमीन अतिक्रमण हटवाने को लेकर 8 लोगों ने साजिश रची और 20 लाख रू जमा कर आरटीआई कार्यकर्ता बिपीन अग्रवाल को हमेशा के लिए रास्ते से हटवा दिया। मोतिहारी पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल 2 शूटरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधी मनीष पटेल ने पुलिस के सामने जो कबूल किया है वो काफी चौंकाने वाला है। पुलिस के समक्ष अपराधी ने कहा कि 20 लाख रू में सौदा हुआ था। अपराधी ने पुलिस को बताया था कि घटना से कुछ दिन पहले एक अपराधी जो अब तक पुलिस पकड़ में नहीं आया है उसके घर पर मीटिंग हुई थी। मीटिंग में 8 लोग शामिल हुए थे। इस मीटिंग में वो लोग भी शामिल थे जिनकी अवैध जमीन का खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट ने किया था। हरसिद्धि के एक अग्रवाल परिवार जिसका खेसरा संख्या 246 है, खंडेलवाल परिवार जिसका खेसरा संख्या 244 है,भटहां का एक शख्स जिसका खेसरा संख्या 468 है.वहीं हरसिद्धि के एक पेट्रोल पंप संचालक(बीजेपी नेता), एक शराब कारोबारी, एक पूर्व प्रमुख व एक पत्रकार के साथ योजना बनाई गई। तय हुआ कि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के द्वारा हम लोगों की जमीन घर एवं अन्य तरह की क्षति किया जा रहा है. आरटीआई के तहत सूचना मांग कर अतिक्रमण बाद चलाया जा रहा है, जिससे काफी नुकसान हुआ है. इसलिए विपिन अग्रवाल की हत्या करना बहुत ही जरूरी है नहीं तो वह और भी क्षति पहुंचाएगा. अगर विपिन अग्रवाल को रास्ते से नहीं हटाया गया तो हम लोगों का कारोबार बंद हो जाएगा. इसलिए इसे रास्ते से हटाना अति आवश्यक है.