लॉकडाउन में तेज हुई काला बाजारी
कोरोना वायरस को लेकर जहाँ हाय तौबा मची हुई हैं और लोग त्राहि-त्राहि कर रहीं हैं तो वहीं बुखार, जुखाम आदि मरीजों की दवाएं मेडिकल स्टोरों से नदारत होने होने लगी हैं।दूसरी ओर घरेलू सामग्री की काला बाजारी बड़े पैमाने पर शुरू हो गई हैं।ऐसे में तमाम तरह की समस्याओं से लोग जूझने को मजबूर हैं।
कोरोना वायरस मधुबनी जिला मुख्यालय सहित राजनगर,खजौली, जयनगर, बाबूबरही,पंडौल,बेनीपट्टी,खुटौना,लौकहा,बासोपट्टी आदि के बाजारों एवं गांव तक अपना कहर बरपा रहा हैं।इस बीमारी का खौप इतना हैं कि लोग किसी तरह की ढिलाई नहीं कर पा रहें हैं।
खाद्य सामग्री के दाम आसमान में पहुँच रहे हैं।स्थानीय किराना दुकानदारों ने लॉकडाउन की आहट से तेल,दाल,चीनी,मसाला ,आटा, नमक,चावल,चना,साबुन,बिस्कुट,भुजिया आदि सामान घरेलू उपयोय में आने वाले सामग्री पर काला बाजारी करना शुरू कर दिया हैं।जिसको लेकर उपभोक्ताओं को कोई भी घरेलू सामान निर्धारित मूल्य से अधिक दामों में खरीदना पड़ रहा हैं।
कई क्षेत्रों के अनुमंडल एवं प्रखंड पदाधिकारी द्वारा खाद्य सामग्री का मूल्य तय कर दिया गया हैं।लेकिन स्थानीय खाध बिक्रेता अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहें हैं।खासकर राजनगर क्षेत्रों के बाजारों के स्थानीय खाध सामग्री किराना दुकानदार उपभोक्तओं को जमकर लूटते नजर आते हैं।दाल,चीनी,चना,आटा, सरसों तेल, वनस्पति तेल,गुड़,चाय,नमक,चूड़ा, आलू,प्याज,हरा सब्जी सभी कुछ दुकानदार अपनी मर्जी से बेचते हैं।कहने पर कहाँ जाता हैं कि लॉकडाउन के कारण सामान महंगी हो चुकी हैं।जबकि सामान लाने ले जाने पर पूरी तरह छूट हैं।
यहाँ के अधिकत्तर किराना दुकानदार वगैर अनुमति के ही दुकान चला रहे हैं।दुकानदार द्वारा पक्का बिल तो बिल्कुल नहीं दिया जाता।हां, बिल मांगने पर उपभोक्ताओं को फटकार जरूर मिल जाती हैं।सरकार का दावा हैं कि खाध स्टॉक के पर्याप्त कारण कीमत नहीं बढ़ी हैं।
छोटे व बड़े व्यापारी इस आपदा में काला बाजारी कर लोगों की मजबूरी को अवसर में बदल रहे हैं।ऐसे में जरूरी हैं कि समाज के दुश्मन काला बाजारी करने वाले दानवों पर सख्ती की जाएं और उन्हें अविलब जेल में दाल दिया जाएं।
यह समय एक दूसरे को जान बचाने और उन्हें मदद देने का हैं।परंतु ऐसा लग रहा हैं कि पैसे के भूखे भेड़िए इंसानी जीवन को लीलने पर आमादा हो गए हैं।
आपदा में कमाने के बजाय सेवा को मूर्त रूप देना आवश्यक हैं।जिला एवं स्थानीय प्रशासन इन असामाजिक लोगों पर अविलंब कठोर कार्रवाई करें।
लेखक – स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, समाचार पत्र एवं चैनलों में अपनी योगदान दे रहें हैं।
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